यूपी निकाय चुनाव के बाद भाजपा के बरेली जिला-महानगर संगठन में होगा बदलाव, प्रदेश स्तर पर हर जाति का रखा ख्याल
भाजपा नगर निकाय चुनाव को जीतने की कोशिश में काफी दिन से मेहनत कर रही है. संगठन के पदाधिकारी भी एक-एक वोट पर निगाह रख रहे हैं. नई प्रदेश कमेटी के ऐलान के बाद बरेली जिला-महानगर कमेटी में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी. इस उम्मीद को सुप्रीम कोर्ट के नगर निकाय चुनाव को हरी झंडी देने के बाद झटका लगा है.
Bareilly: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश कमेटी का ऐलान हो गया है. इसके बाद जिला और महानगर कमेटी में भी बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी. मगर, अब यह बदलाव नगर निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद होगा. बरेली में भाजपा की पुरानी जिला और महानगर कमेटी निकाय चुनाव कराएगी.
इसको लेकर संगठन को प्रदेश कमेटी से निर्देश मिल गए हैं. भाजपा नगर निकाय चुनाव को जीतने की कोशिश में काफी दिन से मेहनत कर रही है. संगठन के पदाधिकारी भी एक-एक वोट पर निगाह रख रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी के अन्य कार्यक्रम भी चल रहे हैं. मगर, नई प्रदेश कमेटी के ऐलान के बाद बरेली जिला और महानगर कमेटी में बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी. इस उम्मीद को सुप्रीम कोर्ट के नगर निकाय चुनाव को हरी झंडी देने के बाद झटका लगा है.
जुलाई में नए संगठन की उम्मीद
भाजपा की नई जिला और महानगर कमेटी का ऐलान जुलाई में होने की उम्मीद है. पार्टी ने मिशन 2024 को लेकर यूपी की नई कमेटी का ऐलान कर दिया है. इसमें जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ख्याल रखा गया है. अगड़े, पिछड़े और दलित वोट बैंक के सहारे मिशन 80 को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
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11 महिलाओं को मिली कमान
भाजपा की नई प्रदेश कमेटी में महिला पदाधिकारियों के पद को बरकरार रखा गया है. इस बार 11 महिलाओं को प्रदेश कमेटी में जगह दी गई है. इसके साथ ही महिलाओं के मामले में भी क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ख्याल रखा गया है.
जातीय समीकरण का रखा ध्यान
नई टीम में जातीय समीकरण का ध्यान रखा गया है. इसमें 10 ब्राह्मण, 7 क्षत्रिय, 4 वैश्य, खत्री, भूमिहार, त्यागी और कायस्थ समाज के एक एक नेता को संगठन में जगह दी गई है.
पिछड़ों को साधेंगे 13 नेता
भाजपा का मुख्य फोकस पिछड़े वोट बैंक पर है. इसीलिए पिछड़े समाज के 13 नेताओं को प्रदेश कमेटी में शामिल किया गया है. इसके साथ ही एससी वर्ग के 9 नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा पासी, कोरी, जाटव, सोनकर और धोबी समाज के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है.
रिपोर्ट मुहम्मद साजिद, बरेली