Bihar: मेयर चुनाव से पहले भाजपा नेता ने पत्नी समेत खुद को क्यों मारी गोली? जानें किन सवालों ने उलझाया…
मुंगेर में भाजपा नेता अरूण कुमार यादव उर्फ बड़ा बाबू का शव कमरे से बरामद हुआ. उनकी पत्नी और वो स्वयं गोली मारकर मौत की नींद में सो गये. लेकिन कुछ सवाल ऐसे हैं जिसने मौत की गुत्थी उलझायी है.
Munger News: कभी कुख्यातों की श्रेणी में शुमार मुंगेर शहर के लाल दरवाजा निवासी भाजपा नेता (ओबीसी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष) अरूण कुमार यादव उर्फ बड़ा बाबू द्वारा पत्नी की हत्या के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या की घटना की खबर पर कुछ देर तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ. लेकिन जब कमरे में दोनों के शव को देखा तो लोगों को विश्वास तो हुआ, लेकिन दबंग भाजपा नेता के इस कमजोर निर्णय की शहर में चर्चा होने लगी.
बंद कमरे में दो पिस्तौल का राज
परिजनों ने पुलिस को बताया कि दोनों पति-पत्नी के बीच पिछले तीन-चार दिनों से विवाद चल रहा था. लेकिन इस तरह का बड़ा फैसला उठाया जायेगा. इसकी किसी को भनक नहीं थी. लेकिन आत्महत्या पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि बंद कमरे में वे दो-दो पिस्तौल लिये क्यों थे. गोलियों से भरा बिंडोलिया आखिर क्यों कमर में बांध रखा था. जबकि अमूमन वे गोली-पिस्तौल लेकर शहर में नहीं घूमते थे.
कमर में बिंडोलिया क्यों बांध रखा था?
मुंगेर पुलिस ने जब दरवाजा खुलवाने के बाद अंदर प्रवेश किया तो पत्नी का शव फर्श पर पड़ा था और पति का शव पलंग पर पड़ा हुआ था. पुलिस ने पलंग पर से दो पिस्तौल उसके शव के पास से बरामद किया. जबकि कमरे में एक ही खोखा मिला है. पुलिस ने बड़ा बाबू के कमर से एक बिंडोलिया बरामद किया. जिसमें 22 जिंदा कारतूस है.
अब सवाल उठता है कि बड़ा बाबू ने किस तैयारी में 22-22 जिंदा कारतूस से भरा बिंडोलिया अपने कमर में बांध रखा था. दो-दो पिस्तौल क्यों कमरे में था. आखिर दूसरा खोखा कहां गया. इसकी चर्चा भी क्षेत्र में जोर-शोर से हो रही है कि यह आत्महत्या ही है अथवा कुछ और पुलिस को हर बिंदु पर जांच करना चाहिए था.
पत्नी को मेयर की प्रबल दावेदार के रूप में पेश कर रहे थे बड़ा बाबू
हत्या सहित विभिन्न कांडों में जेल से जमानत पर बाहर निकलने के बाद बड़ा बाबू सामाजिक जीवन जीने लगे थे. राजनीति में भी वह उतर गये. भाजपा का दामन थामा और भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमा लिया. इसके बाद न सिर्फ भाजपा के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते, बल्कि पत्नी को भी भाजपा से जोड़ रखा था.
जब मेयर पद के लिए चुनाव की चर्चा हुई, तो उसने मुंगेर मेयर पद के लिए पत्नी प्रीति की दावेदारी पेश की. चुनाव में अभी काफी देर था. बावजूद वे पिछले छह महीने से वार्ड-वार्ड घूम कर मेयर पद से पत्नी को जीत दिलाने के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे थे. उनकी पत्नी मेयर की प्रबल दावेदारों में से एक मानी जा रही थी.
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