मुकुल रॉय की विधानसभा की सदस्यता खत्म कराने स्पीकर के पास पहुंचे शुभेंदु अधिकारी

बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष से मांग की है कि कृष्णनगर उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले मुकुल रॉय की सदस्यता निरस्त की जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2021 3:54 PM

कोलकाताः चार साल तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में काम करने वाले तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के बेहद करीबी नेता रहे मुकुल रॉय की विधानसभा सदस्यता खत्म कराने के लिए भगवा दल ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी तमाम कागजी कार्रवाई कर रहे हैं.

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है. बंगाल चुनाव के परिणाम आने और प्रदेश में ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार टीएमसी की सरकार बनने के बाद मुकुल रॉय हाल ही में बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे.

शुभेंदु अधिकारी गुरुवार को विधानसभा सचिवालय में दस्तावेज जमा नहीं कर सके थे, क्योंकि संबंधित कार्यालय बंद था. शुक्रवार को उन्होंने तमाम कागजात जमा करवा दिये हैं और बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष से मांग की है कि कृष्णनगर उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले मुकुल रॉय की सदस्यता निरस्त की जाये.

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इस पर तृणमूल कांग्रेस ने शुभेंदु अधिकारी से सवाल किया है कि क्या भाजपा नेता ने अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने को कहा है, जो बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बदलकर बीजेपी में शामिल हो गये थे. मुकुल रॉय हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर कृष्णानगर उत्तर सीट से विजयी हुए थे और 11 जून को वह तृणमूल में लौट गये.

मुकुल रॉय ने वर्ष 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था. सदन में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि हमने भाजपा के कमल चिह्न पर चुनाव जीते मुकुल रॉय को विधानसभा से अयोग्य ठहराने की मांग स्पीकर से की है.


तृणमूल का बीजेपी और शुभेंदु अधिकारी पर पलटवार

तृणमूल कांग्रेस की राज्य इकाई के महासचिव कुणाल घोष ने कहा है कि कानून अपना काम करेगा, लेकिन शुभेंदु अधिकारी को इस मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि शुभेंदु को ऐसी मांगें करने से पहले आईना देखना चाहिए. क्या उन्होंने कभी अपने पिता शिशिर अधिकारी को लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के लिए कहा है, जो उन्होंने कांथी क्षेत्र से तृणमूल टिकट पर जीता था?

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Posted By: Mithilesh Jha

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