भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, गृह सचिव के पद पर नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति ‘अवैध’, जाएंगे कोर्ट
शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि केवल गृह सचिव का पद ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ने पहले भी कई पदों पर अवैध तरीके से अधिकारियों की नियुक्ति की है. आईपीएस होने के बावजूद राजीव कुमार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया गया. जो पूरी तरह से अवैध है.
पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari)ने दावा किया है कि गृह सचिव के रूप में नंदिनी चक्रवर्ती की नियुक्ति ‘अवैध’ है. उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाएंगे. शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि वह इस अवैध नियुक्ति के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. नबान्न ने रविवार को 2023 के आखिरी दिन अधिसूचना जारी कर नए गृह सचिव और मुख्य सचिव के नाम की घोषणा की थी.
नंदिनी की ‘अवैध’ नियुक्ति के खिलाफ जाएंगे अदालतमुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी रिटायर हो गये और उन्हें मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार का पद दिया गया. उनकी जगह बीपी गोपालिक को गृह सचिव से मुख्य सचिव पदोन्नत किया गया. लेकिन राज्य प्रशासन को आश्चर्यचकित करते हुए पर्यटन सचिव नंदिनी को गृह सचिव बना दिया गया. आधिकारिक घोषणा के बाद नए गृह सचिव ने सोमवार से नबान्न स्थित अपने कार्यालय में काम करना शुरू कर दिया और उसके ठीक एक दिन बाद विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सीधे तौर पर उनकी नियुक्ति को ‘अवैध’ बता दिया. उन्होंने यह भी बताया कि वह नंदिनी की ‘अवैध’ नियुक्ति के खिलाफ अदालत जाएंगे.
To ensure that the illegally appointed acting DGP of WB; Rajeev Kumar is allowed a free run, the WB Govt has now illegally posted a junior IAS officer; Nandini Chakravorty, as Principal Secretary; Home Department superseding 13 Additional Chief Secretaries and another 5 Principal… pic.twitter.com/oGwGn1Y1EF
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 2, 2024
आमतौर पर जब सरकार कोई फैसला सुनाती है तो विपक्षी नेता तुरंत अपना विरोध एक्स हैंडल पर पोस्ट कर देते हैं. लेकिन इस मामले में उन्होंने अपना रुख बताने में थोड़ी देरी कर दी है. रविवार को गृह सचिव की नियुक्ति के 48 घंटे बाद नंदीग्राम के विधायक ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट किया. उनके एक करीबी सूत्र के मुताबिक, नंदिनी को गृह सचिव नियुक्त करने के बाद विपक्षी नेता ने कई कानूनी दस्तावेजों की जांच की है. इसके अलावा केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले कई अधिकारियों से भर्ती मामलों की जानकारी ली है. इसके बाद उन्होंने तैयारी के साथ एक्स हैंडल में विरोध प्रदर्शन किया. शुभेंदु अधिकारी ने सारी जानकारी और दस्तावेज इकट्ठा करने के बाद कोर्ट जाने की भी तैयारी कर ली है.
कार्यवाहक डीजी राजीव कुमार की नियुक्ति पर भी उठे सवालइसके अलावा राज्य पुलिस के कार्यवाहक डीजी राजीव कुमार की नियुक्ति पर भी सवाल उठाए है. नंदीग्राम के विधायक ने दावा किया है कि गृह विभाग ने राज्य प्रशासन के 13 अतिरिक्त मुख्य सचिवों और 5 प्रमुख सचिवों को छोड़कर अवैध रूप से गृह सचिव की नियुक्ति की है. शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गुबा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, प्रशासन एवं प्रशिक्षण मंत्रालय की सचिव एस राधा चौहान को भी गृह सचिव की नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी दी है. उन्होंने आईएएस अधिकारियों के संगठन को भी जानकारी दी है. शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि केवल गृह सचिव का पद ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री ने पहले भी कई पदों पर अवैध तरीके से अधिकारियों की नियुक्ति की है. आईपीएस होने के बावजूद राजीव कुमार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग का सचिव बनाया गया. जो पूरी तरह से अवैध है.
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