खड़गपुर, जीतेश बोरकर.पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम मेदिनीपुर में तृणमूल और भाजपा नेताओं के बीच छिड़े वाकयुद्ध से जिले का राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है. बता दें कि मेदिनीपुर के सांसद दिलीप घोष ने चार दिन पहले बंगाल में घुसपैठियों को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि बंगाल में घुसपैठियों की वजह से ही राज्य की आर्थिक स्थिति एवं माहौल खराब हो रहा है. घुसपैठियों को तृणमूल पनाह देकर हमदर्द की तरह संभाल कर रख रही है.
इस बयान पर पश्चिम मेदिनीपुर जिला तृणमूल कांग्रेस के संयोजक अजीत माइती ने भाजपा सांसद पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में सबसे बड़ा घुसपैठिया दिलीप घोष हैं. वह न जाने किधर से उड़कर यहां सांसद बन बैठे. वह पश्चिम मेदिनीपुर के निवासी भी नहीं हैं. तृणमूल नेता के बयान पर पलटवार करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि वह एकदम शुद्ध हिंदुस्तानी हैं. भारतवर्ष का संविधान यह अधिकार देता है कि कई भी व्यक्ति कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है. वह पश्चिम मेदिनीपुर के धरतीपुत्र हैं. भाजपा में नेता नहीं, सेवक होते हैं. तृणमूल में कटमनी लेनेवाले नेताओं की भरमार है. ये अपने परिवार के लोगों को सरकारी नौकरी और सरकारी सुविधाएं दिलाते हैं और जनता का शोषण करते हैं.
पार्टी अगर उन्हें टिकट नहीं देती है, तो वे आत्महत्या करने का धमकी और नाटक करके हमदर्दी हासिल करते हैं. भाजपा में न तो यह कल्चर था, न है और न होगा. दिलीप घोष ने अजीत माइती का नाम लिये बिना चुनौती के लहजे में कहा कि यदि सचमुच उनके जिगर में दम है, तो वह 2024 के लोकसभा चुनाव में उनसे मुकाबला करके दिखायें. वहीं, दिलीप घोष खड़गपुर शहर के न्यू सेटलमेंट इलाके में स्थित साईं मंदिर गये और पूजा-अर्चना की. मंदिर कमेटी के सदस्यों ने सांसद को सम्मानित भी किया.