Varanasi News: राकेश सिन्हा बोले- समुदाय विशेष के लोग कर रहे शादी की उम्र का विरोध, विपक्ष पर भी साधा निशाना
राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने की प्रशंसा की. साथ ही कहा कि, इसका विरोध करने वालों को देश विरोधी बताया. इसके साथ ही विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा.
Varanasi News: राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा सिगरा स्थित वंदे मातरम् गायन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाराणसी पहुंचे. यहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर तीखी टिप्पणी की. साथ ही लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने की प्रशंसा करते हुए, इसका विरोध करने वालों को देश विरोधी बताया.
राहुल गांधी पर साधा निशाना
सिन्हा ने राहुल गांधी के ऊपर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का इतिहास बोध और अर्थशास्त्र बोध दोनों ही कमजोर है. जब कमजोरी हो तो जिह्वा भी कमजोर हो जाती है. उन्हें यह भी नहीं पता है कि वंदे मातरम् राष्ट्रगीत है या राष्ट्रगान है.
अखिलेश यादव के बयान पर किया पलटवार
उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी को यह तक नहीं पता कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण क्यों हुआ. राहुल गांधी देश को बताएं कि हिंदू समाज-संस्कृति से वह मन से जुड़े हैं या ऐसे ही जुड़े हैं. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव को लेकर कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा था कि काशी आखिरी समय में लोग जाते हैं, और यह भाजपा का आखिरी समय चल रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, काशी हम आखिरी समय में जाते हैं और किसी के लिए पिंडदान देने भी जाते हैं. छद्म धर्मनिरपेक्षता का पिंडदान काशी में कर दिया गया है. आखिरी समय जिसका होता है उसे आभास हो भी जाता है.
लड़कियों की शादी की उम्र पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने इस देश में स्वच्छ शासन देने का काम किया है. उत्तर प्रदेश में विकास का जो काम हुआ है और जो अंसारी राज खत्म हुआ है, यह भाजपा सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है. हाल ही में लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 किए जाने पर समुदाय विशेष के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. यही समुदाय विशेष के लोग ही जनसंख्या नियंत्रण कानून के विरोधी बने बैठे हैं. देश में जनसंख्या असंतुलन बड़ी समस्या है और इसी वजह से विभाजन भी हुआ है. अब विभाजन न हो इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण का कानून बनना ही चाहिए.
बताया क्यों जरूरी है जातिगत जनगणना
यदि जनसंख्या नियंत्रित नहीं हुई तो संसाधनों का अनुपात बिगड़ता चला जाएगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक कारणों से जातिगत जनगणना की मांग हो रही है. जो लोग इसकी मांग कर रहे हैं उनके पास इसका तार्किक कारण नहीं है. हर व्यक्ति तक विकास पहुंचे, इसके लिए जातिगत जनगणना जरूरी नहीं है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह