Loading election data...

भाजपा सांसद सौमित्र खान का दावा, पश्चिम बंगाल में दिसंबर तक लग जायेगा राष्ट्रपति शासन, वीडियो हुआ वायरल

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख और सांसद सौमित्र खान ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य की कानून एवं व्यवस्था ढह गयी है और राज्य में दिसंबर तक राष्ट्रपति शासन लग जायेगा. सौमित्र खान ने राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर ममता बनर्जी सरकार को चेतावनी भी दी.

By Agency | October 21, 2020 7:38 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख और सांसद सौमित्र खान ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के शासन में राज्य की कानून एवं व्यवस्था ढह गयी है और राज्य में दिसंबर तक राष्ट्रपति शासन लग जायेगा. सौमित्र खान ने राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर ममता बनर्जी सरकार को चेतावनी भी दी.

तृणमूल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दावा किया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और गुजरात में कानून का शासन अस्तित्व में ही नहीं है और भगवा दल के नेताओं को इन राज्यों पर ध्यान देना चाहिए. बांकुरा जिले में मंगलवार रात पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खान ने कहा, ”राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ढह गयी है. भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या रोज का मामला हो गया है.

उन्होंने कहा कि ”मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस साल दिसंबर तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जायेगा.” उनके भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. खान की टिप्पणी से पहले, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री बाबूल सुप्रियो ने भी पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी.

सौमित्र खान के बयान पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने कहा कि भाजपा को अपना ध्यान गुजरात और उत्तर प्रदेश पर लगाना चाहिए, जहां कानून के शासन का अस्तित्व ही नहीं है. उन्होंने कहा, ”भाजपा, सरकार को बदनाम करने के लिए कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रही है. राज्य में वाम मोर्चे के शासन काल से बेहतर कानून एवं व्यवस्था की स्थिति है.”

एक निजी समाचार चैनल को शनिवार को दिये साक्षात्कार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है. उनसे जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की भाजपा नेताओं की मांग के बारे में पूछा गया, तो शाह ने कहा कि राजनीतिक पार्टी के नेता राष्ट्रपति शासन की मांग कर सकते हैं, लेकिन भारत सरकार संवैधानिक नियमों, जमीनी हालात और राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर काम करती है.

Next Article

Exit mobile version