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UP: भाजपा की सपा-बसपा के ओबीसी नेताओं को अपने पाले में करने की तैयारी, मिशन 80 को लेकर तैयार किया खास प्लान

यूपी में लोकसभा की 80 सीटों का लेकर भाजपा ओबीसी वर्ग को लेकर खास फोकस कर रही है. पार्टी की रणनीति सपा और बसपा के बड़े ओबीसी नेताओं को लोकसभा चुनाव से पहले अपने दल में शामिल करने की है. इसके लिए कई नेताओं से बातचीत भी चल रही है. इनमें से कुछ को समीकरण सही बैठने पर चुनाव में टिकट भी दिया जा सकता है.

Bareilly: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मिशन 2024 की तैयारियों को लेकर जुटी है. इसके लिए विभिन्न वर्गों को साधने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में दूसरे दलों के बड़े ओबीसी नेताओं पर भी पार्टी की नजर है.

केंद्र में हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटी भाजपा के पास ओबीसी समाज के कई बड़े नेता हैं. मगर, इसके बाद भी सपा और बसपा के ओबीसी नेताओं पर भाजपा की भाजपा की निगाहें लगी हैं. इसमें बरेली मंडल के तीन बड़े नेता भी शामिल हैं.

पूर्व मंत्री को भाजपा में शामिल करने की तैयारी

कहा जा रहा है कि एक पूर्व मंत्री से बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है. इनको भाजपा के टिकट पर मंडल की एक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी है. निकाय चुनाव में निर्दलीय और सपा-बसपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले चेयरमैन को भी भाजपा के पाले में लाने की कोशिश जा रही है. जिला संगठन को इस संबंध में निर्देश भी मिले हैं. इसके साथ ही कई ब्लॉक प्रमुख भी भाजपा में जा सकते हैं.

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भाजपा के विश्वसीय सूत्रों की मानें, तो सपा के कई बड़े ओबीसी समाज के नेता पार्टी में खुश नहीं है. यह लोग भी दल बदल की तैयारी में हैं. इसमें मौर्य, किसान, यादव और कुर्मी बिरादरी के बारह से अधिक नेता शामिल हैं. इनसे संगठन के नेताओं की लगातार बात चल रही है.

स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर संघमित्रा को लेकर अटकलें

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले भाजपा छोड़कर सपा में जाने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर भाजपा संगठन की निगाह लगी है. उनकी बेटी बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्य एक बार फिर भाजपा से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पिछले दिनों उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में सम्मेलन भी कराया था. इसमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी शामिल हुए थे.

इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि संघमित्रा मौर्य भाजपा से चुनाव लड़ेंगी. वहीं उनके पिता भी भाजपा में आ सकते हैं. हालांकि, संघमित्रा मौर्य के सपा से भी लोकसभा चुनाव लड़ने की भी अटकले हैं.

भाजपा का गांव गांव घर-घर चलो अभियान

कांग्रेस भी ओबीसी समाज को साधने की कोशिश में जुटी है. कांग्रेस ने देशभर में दलित ओबीसी वर्ग को साधने के लिए जातिगत जनगणना और आरक्षण बढ़ाने की मांग को लेकर सम्मेलन शुरू किए हैं. मगर, इसी बीच भाजपा के ओबीसी मोर्चा ने एक लाख घरों में एक करोड़ ओबीसी परिवार के बीच जाने का लक्ष्य रखा है.

इसमें ओबीसी मोर्चा ने गांव-गांव चलो, घर-घर चलो अभियान शुरू किया है. इस अभियान में एक करोड़ ओबीसी समुदाय के लोगों के घरों पर पहुंचकर नौ साल में भाजपा के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी जाएगी.

केंद्र और यूपी में बताई जाएगी भागीदारी

भाजपा के ओबीसी नेता समाज को केंद्र और प्रदेश सरकारों में भागीदारी की भी जानकारी देंगे. इसमें केंद्र सरकार में 27 मंत्री होने के साथ ही यूपी सरकार में ओबीसी मंत्रियों और विधायकों को लेकर बताया जाएगा.

यूपी संगठन में 13 ओबीसी नेता

भाजपा ने पिछले दिनों 45 सदस्यीय संगठन की घोषणा की. इसमें ओबीसी समाज के 13 नेताओं को शामिल किया गया. इसके साथ ही 8 अनुसूचित जाति (एससी) के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई थी. इस संगठन में 9 ब्राह्मण, 7 ठाकुर और भूमिहार समाज के लोगों को जिम्मेदारी दी गई.

17 नगर निगमों में धन्यवाद मोदी सम्मेलन

भाजपा का ओबीसी मोर्चा समाज को लगातार जोड़ने की कोशिश में है. इस बार भाजपा ने सभी 17 नगर निगमों में जीत दर्ज की है. इसको लेकर भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने इन सभी नगर निगमों में धन्यवाद मोदी सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

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