कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘नबान्न चलो अभियान’ पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई करने वाली बंगाल पुलिस की शिकायत कोर्ट और मानवाधिकार आयोग से की जायेगी. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ये बातें कहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के राज्य सचिवालय मार्च के दौरान पश्चिम बंगाल पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं पर बम फेंके और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया.
भाजपा नेता ने शनिवार को कहा कि पार्टी ‘बलपूर्वक किये गये अमानवीय व्यवहार के मामले में न्याय’ की मांग करने के लिए अदालत जायेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार दोहरे नियमों का पालन कर रही है, जिसमें एक भाजपा के लिए और दूसरा सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के लिए है. उन्होंने कहा कि हाथरस के कथित बलात्कार मामले और कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ तृणमूल की रैलियों के दौरान कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया, लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
भाजपा नेता ने कहा, ‘बृहस्पतिवार (8 अक्टूबर, 2020) को सचिवालय की ओर लोकतांत्रिक मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है. पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं पर बम फेंके, उनकी बसों में तोड़फोड़ की और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया. हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गयी और पुलिस ने हमारी महिला कार्यकर्ताओं के साथ भी बदसलूकी की.’
श्री विजयवर्गीय ने सवाल किया, ‘विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ आचरण का क्या यह आपका (पुलिस) तरीका है?’ उन्होंने आरोप लगाया कि रैली के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किये गये. उन्होंने कहा, ‘हम पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा किये गये अत्याचारों के खिलाफ न्याय पाने के लिए अदालत और मानवाधिकार आयोग जायेंगे.’
एक दिन पहले ही पुलिस ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव अरविंद मेनन और सांसदों अर्जुन सिंह तथा लॉकेट चटर्जी और विजयवर्गीय व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इन नेताओं के खिलाफ दंगा और महामारी रोग कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. हावड़ा में पार्टी की रैली के दौरान पुलिस द्वारा एक सिख व्यक्ति पर कथित तौर पर हमला करने और पगड़ी खींचने के मुद्दे पर श्री विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल सरकार पर समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया.
Also Read: हाथरस घटना के विरोध में तृणमूल की महिला इकाई ने कोलकाता में सात दिन में तीसरी रैली निकाली
#NabannoCholo अभियान के दौरान सिख युवक श्री बलविंदर सिंह के साथ पुलिस ने जो बर्बरता की, उसकी देशभर में निंदा की जा रही है। ये धार्मिक परंपरा के अपमान के साथ अमानवीयता भी है।
आश्चर्य है कि ममताजी ने सिखों की इस धार्मिक पहचान के अपमान पर मुँह तक नहीं खोला!#JusticeForTurban
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) October 10, 2020
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह साबित हो गया है कि एक खास समुदाय को छोड़कर अन्य समुदायों के लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाता है. भाजपा लंबे समय से तृणमूल पर अल्पसंख्यक कार्ड खेलने का आरोप लगा रही है. तृणमूल ने भाजपा के आरोपों को ‘निराधार’ करार देते हुए कहा है कि वह ‘मुद्दे को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश’ कर रही है.
Also Read: सहकारी बैंक से धोखाधड़ी मामले में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह का भतीजा गिरफ्तार
Posted By : Mithilesh Jha