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कोलकाता को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए भाजपा-तृणमूल में घमासान

तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि सभी वादों की तरह भाजपा का यह वादा भी चुनावी जुमला है. तृणमूल का कहना है कि यदि आवश्यक हुआ, तो राज्य सरकार कोलकाता शहर को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए सीधे यूनेस्को में आवेदन करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2021 5:58 PM
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कोलकाता : चुनावी लड़ाई के बीच अब महानगर को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने को लेकर भाजपा व तृणमूल में घमसान शुरू हो गया है. दोनों ही पार्टियां कोलकाता शहर को यूनेस्को की हेरिटेज सिटी की तालिका में शामिल करना चाहती हैं. भाजपा ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में भी कहा है कि अगर भाजपा की सरकार बनती है, तो कोलकाता को यूनेस्को की हेरिटेज सिटी की तालिका में शामिल करने के लिए पहल करेगी.

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि सभी वादों की तरह भाजपा का यह वादा भी चुनावी जुमला है. तृणमूल का कहना है कि यदि आवश्यक हुआ, तो राज्य सरकार कोलकाता शहर को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिलाने के लिए सीधे यूनेस्को में आवेदन करेगी. वहीं, भाजपा के बंगाल प्रभारी तथा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोलकाता में एक से बढ़ कर एक धरोहर है.

उन्होंने कहा कि भाजपा अगर सत्ता में आती है, तो इन धरोहरों का सरंक्षण पहली प्राथमिकताओं में एक होगा. इतना ही नहीं कोलकाता को यूनेस्को की हेरिटेज सिटी की फेहरिस्त में शामिल करने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा. दूसरी ओर वेस्ट बंगाल हेरिटेज कमीशन के चेयरमैन शुभो प्रसन्ना ने कहा कि आयोग शहर की विरासत को संरक्षित करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है. यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार विधानसभा में एक कानून पारित कर शहर की विरासत के लिए सीधे यूनेस्को में आवेदन करेगी.

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यूनेस्को से हेरिटेज सिटी का दर्जा मिलना आसान नहीं

विरासत विशेषज्ञों का कहना है कि यूनेस्को से विरासत का दर्जा मिलना आसान नहीं है, क्योंकि इसे प्राप्त करने के लिए ड्राइंग के साथ एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी और संबंधित क्षेत्र के बारे में बताना होगा कि इसे विरासत घोषित करने के लिए औचित्य क्या है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि क्षेत्र की विरासत बरकरार रहनी चाहिए. दूसरे शब्दों में एक तरफ पुरानी इमारतों को ध्वस्त किया जा रहा है और नयी इमारतें बनायी जा रही हैं.

दूसरी तरफ क्षेत्र को विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध करने की पहल की जा रही है, यह मुमकिन नहीं है. राज्य धरोहर आयोग के एक सदस्य पार्थ रंजन दास ने कहा कि पूरे महानगर को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध करना मुश्किल है. शहर के एक विशिष्ट क्षेत्र की विरासत की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट बनायी जा सकती है.

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Posted By : Mithilesh Jha

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