लोकसभा चुनाव: खूंटी में अर्जुन मुंडा की फिल्डिंग पर ही भाजपा को भरोसा, कांग्रेस में कालीचरण के रास्ते बलमुचु
भाजपा के राजनीतिक गलियारे में इस सीट पर खूंटी से पांच बार विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा की दावेदारी की बात रह-रह कर सामने आती है. पिछली बार भी नीलकंठ सिंह मुंडा के चुनाव लड़ने की बात उड़ी थी.
रांची : खूंटी का पिछला लोकसभा चुनाव रोमांचकारी और सांसें थाम कर एक-एक वोट की गिनती पर हिसाब रखनेवाला था. इस सीट पर फंसते-फंसते भाजपा निकली. कड़े मुकाबले में अर्जुन मुंडा ने महज 1445 वोटों से कांग्रेस के प्रत्याशी कालीचरण मुंडा पर जीत हासिल की थी. आजादी के बाद 1980 तक झारखंड पार्टी के प्रभुत्व वाली इस सीट पर भाजपा ने अपने दिग्गज नेता कड़िया मुंडा के सहारे इस सीट पर धाक जमायी. कड़िया मुंडा ने वर्ष 1989 में खूंटी की जमीन पर अपनी ऐसी राजनीतिक दखल कायम कर ली कि भाजपा आज तक चुनावी फसल काट रही है. कड़िया मुंडा ने इस सीट पर वर्ष 2014 तक सात बार जीत हासिल की. कड़िया का ऐसा राजनीतिक जलवा था कि खूंटी में भाजपा का खूंटा उखाड़ पाना किसी दल के लिए मुश्किल हो गया. वह 1989 से 2014 तक लगातार जीतते रहे, मात्र एक बार वर्ष 2004 के चुनाव में शिकस्त खायी. लोकसभा चुनाव में हर सीट पर कमल न खिला हो, लेकिन कड़िया ने यहां कमल को मुरझाने नहीं दिया. फिलहाल, खूंटी पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की फिल्डिंग पर ही भाजपा को भरोसा है. केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा भी क्षेत्र के विकास को लेकर पूरी तरह से सक्रिय हैं. खूंटी के कार्यकर्ताओं-समर्थकों के साथ सीधा संवाद है. क्षेत्र की एक-एक समस्या पर उनकी नजर रहती है. केंद्रीय मंत्री के रूप में तमाम व्यस्तता के बावजूद खूंटी की घेराबंदी में कोई चूक नहीं कर रहे हैं.
टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे बलमुचु
उधर भाजपा के राजनीतिक गलियारे में इस सीट पर खूंटी से पांच बार विधायक रहे नीलकंठ सिंह मुंडा की दावेदारी की बात रह-रह कर सामने आती है. पिछली बार भी नीलकंठ सिंह मुंडा के चुनाव लड़ने की बात उड़ी थी. उधर, कांग्रेस में पार्टी के वरिष्ठ नेता कालीचरण मुंडा प्रबल दावेदार रहे हैं. पिछले चुनाव में कालीचरण ने भाजपा के पसीने निकाल दिये थे. कालीचरण लगातार क्षेत्र में डटे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रदीप बलमुचु इस बार उनके रास्ते में हैं. श्री बलमुचु खूंटी से टिकट के लिए लॉबिंग कर रहे हैं. खूंटी में कांग्रेस का एक खेमा उनके लिए काम कर रहा है. उन्होंने खूंटी में कई कार्यक्रम कर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करायी है. एक खास वर्ग के वोटों की गोलबंदी पर प्रदीप बलमुचु को भरोसा है. कांग्रेस में एक खेमा दयामनी बरला को भी प्रोजेक्ट कर रहा है. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के पुत्र जयंत जयपाल सिंह मुंडा को अबुआ झारखंड पार्टी आगे बढ़ाना चाहती है. एनइ होरो के पुत्र रिलन होरो इस पार्टी के कर्ताधर्ता हैं. एनइ होरो की पार्टी झारखंड पार्टी पूर्व मंत्री एनोस एक्का चला रहे हैं. खूंटी लोकसभा में झापा का खास पॉकेट पर अच्छी पकड़ है. खूंटी से झापा चुनाव समीकरण पर प्रभाव डाल सकती है. खूंटी में चर्चा है कि झापा से एनोस एक्का अपने परिवार के किसी सदस्य को चुनाव में उतार सकते हैं.
फ्लैश बैक
2019: लोकसभा चुनाव
भाजपा : अर्जुन मुंडा – 382638
कांग्रेस : कालीचरण मुंडा- 381193
2014 : लोकसभा चुनाव
भाजपा : कड़िया मुंडा- 269185
झारखंड पार्टी: एनोस एक्का: 176937
छह विधानसभा सीटों में दो पर भाजपा, चार पर कांग्रेस-झामुमो
खूंटी लोकसभा में छह विधानसभा सीटें हैं. अभी इसमें दो पर भाजपा का कब्जा है. वहीं, चार सीटें सत्ताधारी गठबंधन के पास है. तोरपा और खूंटी विधानसभा सीटों पर भाजपा जीत कर आयी. खरसांवा और तमाड़ झामुमो के पास है, उधर सिमडेगा और कोलेबिरा पर कांग्रेस का कब्जा है. लोकसभा में जीत के लिए दलों को विधानसभा में जीत व हार का समीकरण बदलना होगा.
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