पश्चिम बंगाल विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने संदेशखाली मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से बयान देने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को सदन से ‘वॉक आउट’ किया. संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा स्थानीय लोगों पर कथित अत्याचारों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हंगामे के वक्त ममता बनर्जी सदन में मौजूद नहीं थीं. भाजपा के मुख्य व्हिप मनोज तिग्गा की अगुवाई में पार्टी विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय ने विपक्षी विधायकों से व्यवस्था बनाए रखने को कहा.
इसके बाद भाजपा विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से ‘वॉक आउट’ कर दिया. तिग्गा ने संवाददाताओं से कहा, ”हमने ‘वॉक आउट’ करने का फैसला किया क्योंकि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की ओर से कोई बयान नहीं आया है. संदेशखाली में अराजकता फैली हुई है और हमें वहां जाने की अनुमति नहीं है. टीएमसी के मुख्य व्हिप निर्मल घोष ने कहा कि भाजपा राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है और विधानसभा की कार्यवाही को ‘बाधित’ कर रही है.
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संदेशखाली मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत छह भाजपा विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया था. बुधवार को लगातार सातवें दिन संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन जारी रहा, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतर आईं और टीएमसी नेता शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग की. शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ जबरन जमीन पर कब्जा करने और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने जैसे आरोप हैं. पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय की टीम कथित राशन घोटाले की जांच के सिलसिले में शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने गई थी. इस दौरान भीड़ ने उन पर हमला कर दिया था.वह पिछले महीने से फरार हैं.