Mamata Banerjee On Agneepath Scheme: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सेना में भर्ती की नयी ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. सोमवार को राज्य विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा नयी रक्षा भर्ती के जरिये अपना ‘सशस्त्र’ कैडर आधार बनाने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना भाजपा की ‘अपने स्वयं के सशस्त्र बल बनाने’ की चाल है.
मुख्यमंत्री ने विधानसभा के चल रहे मानसून सत्र के दौरान सदन के पटल पर कहा, ‘अग्निपथ परियोजना की घोषणा रक्षा मंत्रालय द्वारा नहीं की गयी थी. बल्कि, इसकी घोषणा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा की गयी. नियम के अनुसार, सेना में भर्ती के लिए घोषणाएं रक्षा मंत्रालय द्वारा की जाती है, लेकिन ‘अग्निपथ’ योजना के क्षेत्र में ऐसा नहीं किया गया.’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि रक्षा बल का सिर्फ एक मुखौटा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. भाजपा पूरे देश में अपने ‘गुंडों’ की एक ताकत बनाने के लिए लॉलीपॉप पेश कर रही है. इस योजना को सशस्त्र बलों का अपमान करार देते हुए सुश्री बनर्जी ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या भाजपा की योजना चार साल की सेवा अवधि के बाद इन ‘अग्निवीर’ सैनिकों को अपने पार्टी कार्यालयों में ‘चौकीदार’ के रूप में तैनात करने की है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा इस योजना के तहत अपना सशस्त्र कैडर आधार बनाने की कोशिश कर रही है. वे चार साल बाद क्या करेंगे? पार्टी युवकों के हाथ में हथियार देना चाहती है. ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा, 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को ‘अग्निपथ’ जैसी योजनाओं के जरिये बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन अब वे देश के लोगों को इन योजनाओं के जरिये बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जब विधानसभा में अपना भाषण दे रही थीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में विपक्षी भाजपा विधायकों ने विरोध करना और नारे लगाना शुरू कर दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘चार साल की सेवा के बाद कई लोगों की नौकरी चली जायेगी. मैं उन्हें आपके आवास पर भेजूंगी और आपको उनकी नौकरी की जिम्मेदारी लेनी होगी.’ इन टिप्पणियों के बाद भाजपा विधायक सदन के वेल में पहुंच गये और विरोध-प्रदर्शन तथा नारेबाजी करने लगे. बाद में भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट किया.