UP Nagar Nilkay Chunav: बीजेपी खेलेगी मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव, सबसे अधिक अल्पसंख्यकों को बनाया एमएलसी
उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव, 2023 को लेकर भाजपा ने बड़ी तैयारी की है. पार्टी अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में जुटी है. जिससे लोकसभा चुनाव 2024 का सियासी रण जीता जा सके. इसी कोशिश के चलते भाजपा ने मुस्लिमों (अल्पसंख्यक) पर भी दांव लगाने का फैसला लिया है.
Bareilly : उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव, 2023 को लेकर भाजपा ने बड़ी तैयारी की है. पार्टी अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में जुटी है. जिससे लोकसभा चुनाव 2024 का सियासी रण जीता जा सके. इसी कोशिश के चलते भाजपा ने मुस्लिमों (अल्पसंख्यक) पर भी दांव लगाने का फैसला लिया है. भाजपा नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन), और सभासद के मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट देगी. इसके लिए चुनाव लड़ने वाले मजबूत प्रत्याशियों की तलाश शुरू कर दी गई है. उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का निर्देश मिलने के बाद संगठन ने तलाश शुरू कर दी है. भाजपा का निकाय, और लोकसभा चुनाव को लेकर पसमांदा मुस्लिमों पर खास फोकस है. इन्हीं मतदाताओं के सहारे विपक्षी पार्टियों को रोकने की तैयारी है. इसी को लेकर भाजपा 4 मुस्लिमों को विधान परिषद (एमएलसी) भेज चुकीं है,जबकि मुस्लिमों की हितैषी पार्टी कहीं जाने वाली सपा सिर्फ दो मुस्लिम को विधान परिषद भेज पाई है.
अब तक किस पार्टी ने कितने एमएलसी बनाए
भाजपा ने अपने 74 में से 4 मुस्लिम एमएलसी बनाए हैं. इसमें सबसे पहले मोहसिन रजा को एमएलसी बनाया गया था. उनको उत्तर प्रदेश की योगी सरकार-1 में मंत्री बनाया गया था. इसके बाद बुक्कल नवाब को एमएलसी बनाया गया. विधान सभा चुनाव 2017 के बाद दानिश अंसारी को मंत्री बनाकर एमएलसी बनाया गया था. वह यूपी सरकार के इकलौते मुस्लिम मंत्री हैं. इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रोफेसर तारिक मंसूर को विधान परिषद भेजा गया है. वहीं सपा ने सिर्फ मोहम्मद जासमीन अंसारी, और शाहनवाज खान को एमएलसी बनाया था. बसपा का सिर्फ एक एमएलसी है. वह भी भीमराव अंबेडकर, अपना दल के आशीष पटेल एल, निषाद पार्टी से संजय कुमार निषाद, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से अक्षय प्रताप सिंह, शिक्षक दल से ध्रुव कुमार त्रिपाठी, स्थानीय निकाय से निर्दलीय राज बहादुर सिंह, और राकेश अग्रवाल एमएलसी हैं.
भाजपा का संगठन पर खास फोकस
प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का संगठन पर खास फोकस है. संगठन की शक्ति के बूते पार्टी चुनाव जीतने का काम करेगी. निकाय चुनाव के लिए पर्यवेक्षक और प्रभारी पहले ही तय किए जा चुके हैं. निकाय चुनाव की वजह से पार्टी ने जिलाध्यक्षों के बड़े फेरबदल को भी टाल दिया है. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सभी 17 नगर निगम समेत सभी बड़ी नगर पालिकाओं पर जीत हासिल करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिला प्रभारी को जिलों में प्रत्याशी चयन करने का जिम्मा दिया है. नगर पंचायत के सभासद और अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद के टिकट जिला स्तरीय कोर कमेटी की संतुति पर क्षेत्रीय कार्यालय से तय किए जाएंगे. तो वहीं, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और नगर निगम महापौर के उम्मीदवार का चुनाव क्षेत्रीय कोर कमेटी की सिफारिश के बाद रियासती हेडक्वार्टर से तय होगा.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली
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