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ममता बनर्जी को ‘मिथ्याश्री’ और अभिषेक को ‘तोलाश्री’ पुरस्कार देगी भाजपा, कोलकाता में बोले शुभेंदु अधिकारी

हम सरकार बनाने जा रहे हैं. सत्ता में आते ही भाजपा दो पुरस्कार देगी. एक मिथ्याश्री (झूठाश्री) पुरस्कार और दूसरा तोलाश्री पुरस्कार. पहला पुरस्कार यानी मिथ्याश्री पुरस्कार माननीया ममता बनर्जी को मिलेगा. तोलाश्री पुरस्कार उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 30, 2021 5:28 PM

कोलकाता (नवीन कुमार राय) : हम सरकार बनाने जा रहे हैं. सत्ता में आते ही भाजपा दो पुरस्कार देगी. एक मिथ्याश्री (झूठाश्री) पुरस्कार और दूसरा तोलाश्री पुरस्कार. पहला पुरस्कार यानी मिथ्याश्री पुरस्कार माननीया ममता बनर्जी को मिलेगा. तोलाश्री पुरस्कार उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को दिया जायेगा.

ये बातें तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता में एक जनसभा में कहीं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और युवा तृणमूल नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी पर वह ऐसी ही भाषा में लगातार हमला कर रहे हैं.

शुभेंदु अधिकारी ने अपनी पुरानी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को हाइलाइट करते हुए कहा बंगाल के लोग आज उनके धोखे को समझ गये हैं. इसलिए इस बार बंगाल की जनता बदलाव के लिए तैयार है. ममता बनर्जी ने राज्य में कई घोटाले के लिए परियोजनाएं शुरू की हैं.

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श्री अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी की उन योजनाओं को देखकर ही उनके मन में इस तरह का पुरष्कार देने का विचार आया. शुभेंदु ने कहा कि ममता बनर्जी ने झूठ बोलकर बंगाल के लोगों को धोखा दिया है. दूसरी ओर, अभिषेक बनर्जी को ‘तोलाश्री’ पुरस्कार देने के पीछे का तर्क भी समझाया.

कोयला से रेत तक में की करोड़ों की उगाही

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि कोयला और रेत सहित सभी जगहों से करोड़ों रुपये की उगाही करने के लिए ही वह अभिषेक बनर्जी को तोलाबाज भतीजा कहकर संबोधित करते हैं. इससे वह (अभिषेक) बहुत नाराज होते हैं.

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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो सरकार चल रही है, उसे पीसी (बुआ) भाईपो (भतीजा) प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी चला रही है. इसलिए मैंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया, क्योंकि मैं राजनीति करने आया हूं. किसी कंपनी का मुलाजिम बनने नहीं.

बंगाल में भाजपा और तृणमूल में है जंग

बंगाल की राजनीति आज दो खेमों में बंट चुकी है. तृणमूल और भाजपा के बीच सीधी टक्कर है. दोनों अपना जनाधार बढ़ाने में व्यस्त हैं. सत्ता पक्ष के असंतुष्ट मंत्रियों की सूची लंबी होती जा रही है. कई लोग भाजपा में शामिल हो चुके हैं और कई कतार में हैं. हालांकि, तृणमूल नेतृत्व ने बार-बार कहा है कि असंतुष्ट नेताओं के पार्टी छोड़ने से टीएमसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

Posted By : Mithilesh Jha

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