West Bengal News, CAA, NRC, Kailash Vijayvargiya, Amit Shah: कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से 25 हजार शरणार्थी परिवारों को भूमि अधिकार दिये जाने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर बुधवार को बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले नागरिकता कानून को लागू करना प्राथमिकता रहेगी, क्योंकि उनकी पार्टी और केंद्र दोनों राज्य की शरणार्थी आबादी की चिंताओं को दूर करना चाहती है.
भाजपा के प्रदेश प्रभारी विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुए बिना मुक्त और पारदर्शी चुनाव संभव नहीं है. हालांकि, भाजपा 5 नवंबर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दो दिवसीय दौरे के दौरान शायद यह मुद्दा नहीं उठायेगी. प्रदेश इकाई बंगाल में हालिया ‘राजनीतिक हत्याओं’ और कुछ पुलिस अधिकारियों के ‘राजनीतिकरण और अपराधीकरण’ पर अपनी शिकायतों से उन्हें अवगत करायेगी.
उन्होंने कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) कवायद पर चर्चा नहीं होगी. इस वक्त भाजपा पड़ोसी देशों से उत्पीड़न के शिकार होकर आये शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहती है. उन्होंने कहा, ‘हमारी (केंद्र) सरकार ने पड़ोसी देशों में प्रताड़ित होकर आये शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के इरादे से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पारित किया. लेकिन, सीएए के खिलाफ अदालत में कुछ याचिकाएं हैं.’
श्री विजयवर्गीय ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि जब (महामारी की) स्थिति सामान्य होगी, तो इस पर फैसला होगा. हम पश्चिम बंगाल में चुनाव के पहले सीएए को लागू करने पर प्राथमिकता देंगे.’ सीएए को लागू करने में देरी के कारण बांग्लादेश से राज्य में आये मतुआ समुदाय के लोगों के एक धड़े के बीच बेचैनी बढ़ती जा रही है. भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने हाल में कहा था कि बंगाल में तुरंत कानून को लागू करने के लिए वह गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे, ताकि मतुआ समुदाय को नागरिकता का अधिकार मिले.
बांग्लादेश में हिंदुओं के मकानों पर हालिया हमलों का हवाला देते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उस देश और पाकिस्तान में भी उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों की मदद के लिए सीएए को लागू किया गया था. पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की ‘बिगड़ती’ स्थिति पर उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति शासन लगाये बिना अगले साल मुक्त और पारदर्शी विधानसभा चुनाव संभव नहीं होगा.’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग बिना किसी परेशानी के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर पायें.
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा की प्रदेश इकाई तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री शुभेंदु अधिकारी के साथ संपर्क में है, विजयवर्गीय ने कहा कि नहीं. शुभेंदु अधिकारी कुछ समय से सत्तारूढ़ दल से दूरी बनाये हुए हैं. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) सुप्रीमो बिमल गुरूंग के तृणमूल कांग्रेस खेमे में जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि गोरखा नेता के एनडीए का साथ छोड़ने के फैसले से बहुत असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ‘समुदाय के एक बड़े हिस्से को लगता है कि उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी से हाथ मिलाकर उनके साथ छल किया है.’
Posted By : Mithilesh Jha