कोलकाता : भाजपा की टिकट से विधानसभा चुनाव जीतकर फिर से तृणमूल कांग्रेस में गये मुकुल रॉय ने कहा कि उनकी सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत होगी. उनके बयान से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गयी है. बाद में तृणमूल की तरीफ करते हुए मुकुल रॉय ने कहा कि 2023 में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में तृणमूल का बेहतर प्रदर्शन होगा.
मुकुल के भाजपा की जीत वाला बयान एक हफ्ते में दूसरी बार आया है. हालांकि तुरंत ही उन्होंने कहा कि मेरा अभिप्राय तृणमूल कांग्रेस से था. उपचुनाव में तृणमूल की जीत पक्की है. रॉय ने 2017 में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. चुनाव के नतीजे सामने आने के करीब एक महीने बाद ही उन्होंने फिर से तृणमूल में वापसी कर ली.
भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने ममता बनर्जी और तृणमूल की जमकर आलोचना की थी. हालांकि उन्होंने अपनी वापसी पर कहा कि अपने घर वापस आया हूं, भाजपा के शामिल होने का फैसला गलती से लिया था. आधिकारिक रूप से रॉय अब भी कृष्णानगर उत्तर सीट से भाजपा के विधायक हैं और उन्हें विधानसभा की लोकलेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है.
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रॉय से जब पूछा गया कि आप किस पार्टी के विधायक हैं तो उन्होंने कहा भी कि मैं भाजपा का विधायक हूं. लेकिन अगर तृणमूल कहेगी तो वह त्रिपुरा जाकर तृणमूल का प्रचार कर सकते हैं. मुकुल रॉय के बयान के बाद जब तृणमूल कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक तापस रॉय से प्रतिक्रिया मांगी गयी तो उन्होंने कहा कि बातचीत के वक्त मैं वहां मौजूद नहीं था. उन्हीं से पूछें कि वह क्या कहना चाहते हैं.
भाजपा विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब लोग खुद सोचेंगे कि ऐसे बयान देने वाले नेता के साथ क्या करना है. अधिकारी ने कहा कि वे भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते हैं और तृणमूल ने उन्हें लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाते हुए भारी सुरक्षा मुहैया करायी है. बता दें कि दल बदल कानून के तहत मुकुल की सदस्यता भंग करने और लोक लेखा समिति के अध्यक्ष पद से हटाये जाने की मांग की है.
Posted By: Amlesh Nandan.