जामताड़ा : भाजयुमो के कार्यकर्ताओं ने पेपर लीक मामले में सीएम का फूंका पुतला

भाजयुमो अध्यक्ष अनूप पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन युवाओं की विरोधी सरकार हैं और जब से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं, तब से युवाओं के खिलाफ सारे काम हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 30, 2024 2:31 AM
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जामताड़ा : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित जेएसएससी परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक होने के विरोध में भाजयुमो ने सुभाष चौक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ भाजपा नेता वीरेंद्र मंडल शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन युवा विरोधी सरकार है, जो अपने कु-कृतियों से झारखंड में युवा विरोधी सरकार साबित हो गयी है. उन्हाेंने लोकतंत्र की हत्या है, इसके लिए मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. पेपर लीक मामले की जांच सीबीआइ से होनी चाहिए. भाजपा जिलाध्यक्ष सोमनाथ सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार पूरी तरीके से जनता से कट गयी है और जनता के हित में कोई काम नहीं कर पा रही है. आज युवा बेरोजगारी के मारे रास्ते में भटक रहे हैं और सरकार एक परीक्षा भी नहीं करवा पा रही है. भाजयुमो अध्यक्ष अनूप पांडेय ने कहा कि हेमंत सोरेन युवाओं की विरोधी सरकार हैं और जब से हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं, तब से युवाओं के खिलाफ सारे काम हो रहे हैं. पुतला दहन कार्यक्रम का नेतृत्व जामताड़ा भाजपा नगर अध्यक्ष अरिजित मिश्रा ने किया. मौके पर भाजपा जिला महामंत्री सुमित शरण, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुकुमार सरखेल, बबिता राउत, पिंटू गुप्ता, जामताड़ा विस्तारक अंकुश कुमार, प्रदीप राउत, ब्रजेश राउत, अशोक मंडल, जीत दुबे, संतोष मंडल आदि थे.

सरकारी शिक्षकों को समावेशी शिक्षा का दिया गया प्रशिक्षण

शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को प्लस टू उच्च विद्यालय के सभागार में शिक्षकों को समावेशी शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. वहीं प्रशिक्षण का शुभारंभ एपीओ उज्ज्वल कुमार मिश्रा, बीइओ सुखदेव प्रसाद यादव, रिसोर्स शिक्षक कंचन गोपाल यादव, सुल्तान अख्तर ने किया. बतौर प्रशिक्षक एपीओ उज्ज्वल कुमार मिश्रा ने कहा कि समावेशी शिक्षा के बारे में जागरुकता बढ़ने से विविध शिक्षण आवश्यकताओं वाले छात्रों को पढ़ाने की क्षमता में शिक्षकों का आत्मविश्वास बेहतर होता है. दिव्यांग लोगों के साथ शिक्षकों और समुदाय के प्रमुख सदस्यों के साथ बातचीत के माध्यम से समावेशी शिक्षा में जागरुकता बढ़ाया जा सकता है. यह परम आवश्यक है कि विद्यालय में समावेशी शिक्षा को लागू करें. आज दिव्यांग हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं इस बात को हम सभी को समझनी चाहिए. समावेशी शिक्षा स्कूल के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है. प्रशिक्षण में सीआरपी राघवेंद्र नारायण सिंह, संतोष कुमार, गोपाल कुमार साव, मो हाशमी, अंबिका कुमार, सोमेन कुमार, शिक्षक मो इम्माम, अजय कुमार आदि मौजूद थे.

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