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पूर्वी सिंहभूम में नहीं थम रहा पीले सोने का काला कारोबार, रोक के बाद भी बालू का खनन जारी

पहले जहां रात के अंधेरे में बालू की तस्करी होती थी वही सुबह को दिन के उजाले में भी बालू की तस्करी खुलेआम हो रहा है. इस अवैध कारोबार में बहरागोड़ा व बरसोल आसपास गांवों के लगभग 100 ट्रैक्टर व कुछ हाइवा व ट्रक को लगाया गया है.

बरसोल (पूर्वी सिंहभूम), गौरब पाल : पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बरसोल थाना की चित्रेस्वर सीमा क्षेत्र में बहने वाली स्वर्ण रेखा नदी से पीला बालू के उठाव पर प्रतिबंध लगा हुआ है. फिर भी पीला बालू के उत्खन्न एवं परिवहन का काला धंधा बदस्तूर जारी है. खान एवं भूतत्व विभाग तथा बहरागोड़ा व बरसोल पुलिस एवं प्रशासन कभी-कभार मात्र कुछ वाहनों को जब्त कर और उसको जुर्माना कर अपने कर्तव्यों की समाप्त कर लेता हैं. ऐसे में चित्रेस्वर के पास बंगाल के बालू घाट से अवैध कारोबारी प्रतिदिन 100 से ज्यादा ट्रैक्टर से बिना चलान के अवैध बालू का उठाव कर भातहंडिया, चित्रेस्वर होते हुई पांचोंडो, रगुनिया से बंगाल में चले जाते हैं. इस दौरान उक्त गांव के सड़क में सैकड़ों स्कूली बच्चे हर रोज स्कूल जाते हैं. कभी भी स्कूली बच्चों की दुर्घटना हो सकती है.

लाखों रुपये के राजस्व का पहुंचा रही नुकसान

बालू लदा ट्रैक्टर उक्त गांव के सड़कों को खराब कर रही है एवं परिवहन कर सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं. पहले जहां रात के अंधेरे में बालू की तस्करी होती थी वही सुबह को दिन के उजाले में भी बालू की तस्करी खुलेआम हो रहा है. इस अवैध कारोबार में बहरागोड़ा व बरसोल आसपास गांवों के लगभग 100 ट्रैक्टर व कुछ हाइवा व ट्रक को लगाया गया है. रात-दिन ट्रैक्टर से बेखौफ होकर लोग बालू की अवैध तस्करी कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि अगर कोई वाहन मालिक इन माफियाओं को पैसा दिए बगैर बालू की ढुलाई करता है तो ऐसे वाहनों की सूचना पुलिस-प्रशासन को देकर उसे पकड़वा दिया जाता है. अबैध बालू तस्करी में लगाए गए ज्यादातर ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट की चलती है.

शिकायत के बाद नहीं होती कार्रवाई

ग्रामीण सूत्र ने बताया कि इस बालू तस्करी को लेकर कई बार ग्रामीणों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को फोन कर सूचना दी थी. लेकिन बालू माफियाओं के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है. सूचना देने वाले को अब इस बात का भी भय है कि कहीं पुलिस सूचना देने वालों का नाम बालू माफिया को न बता दे, जिससे उस पर खतरा बढ़ जाये. इसके बावजूद यह अवैध कारोबार खुलेआम चल रहा है.

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लकड़ी माफिया ही करते है बालू का अबैध कारोवार

ग्रामीण सूत्र के मुताबिक बहरागोड़ा में अवैध लकड़ी का कारोबार करने वाले ही बालू की तस्करी करते है. जब बरसात के समय पर लकड़ी का कारोबार थोड़ा शांत हो जाता है उसी समय नदी घाट से ये लोग बालू की तस्करी में लग जाते है. बताया गया कि इनलोगों के खोफ इतना बढ़ गया है कि कोई ग्रामीणों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है. ग्रामीणों के विरोद करने पर बालू माफिया कहते हैं कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता है सबको खरीद लिए हैं.

बहुलिया पंचायत क्षेत्र के एक बालू माफिया जा चुका है जेल

रगुनिया, भातहंडिया गांव के बीते दिनों बालू की अबैध तस्करी व बालू इकट्ठा करके बेचने के आरोप में पिछले वर्ष एक बालू माफिया 6 महीना का जेल का सजा कट चुका है. उक्त आदमी फिर से जेल से निकाल कर चोरी छुपे बालू का अवैध कारोबार शुरू कर दिया है. पश्चिम बंगाल से बालू का अवैध सप्लाई झारखंड में किया जा रहा है. इसमें कई सारे सफेद लोग शामिल है. जगह-जगह पर चौक में उनके कई सारे लोग तैनात रहते हैं. पुलिस और संबंधित विभाग का कोई अधिकारी को देखते ही फोन पर आगे सूचित कर देते हैं फिर तुरंत सभी बालू माफिया सचेत होकर भाग निकलते हैं.

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