पश्चिम बंगाल के हुगली में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो (Priyank Kanungo) को आम लोगों के विरोध व प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. प्रियांक कानूनगो हुगली (Hooghly) के बैद्यबाटी इलाके में मृत पाई गई नाबालिग लड़की के परिवार से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान प्रियांक के काफिले को काले झंडे दिखाए गए .उनके साथ भाजपा नेता प्रियंका टिबरेवाल (BJP leader Priyanka Tibrewal ) भी मौजूद रहीं, उन्हें भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि, पुलिस ने लोगों को शांत कराया.इलाके के लोगों में आक्रोश का माहौल है उनका कहना है कि प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं चाहिये. श्रीहट्ट इलाके के लोगों का आरोप है कि राजनीतिक पार्टियां सिर्फ अपने स्वार्थ के लिये परिजनों से मिलने आई है. हमें ऐसे लोगों के समर्थन की जरुरत नहीं है.
When this Govt can't provide security to the Commission, we can imagine their failure in providing security to children. A child has been murdered. Goons of ruling party are blocking the way & stopping us from meeting the family. We will leave only after meeting them: NCPCR chief pic.twitter.com/dGEgwNxzhi
— ANI (@ANI) October 14, 2022
हुगली में लगातार लोगों के प्रदर्शन की वजह से प्रियांक कानूनगो परिवार से मिल पाने में सफल नहीं हो पाये. इस घटना के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि जब यह सरकार आयोग को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकती, तो हम बच्चों की सुरक्षा प्रदान करने में सरकार की विफलता के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं . एक बच्चे की हत्या कर दी गई है, सत्ता पक्ष के गुंडे रास्ता रोक रहे हैं और हमें परिवार से मिलने से रोका जा रहा है, प्रियांक ने कहा, हम पीड़ित परिवार से मिलकर ही वापस जाएंगे.
Also Read: भाजपा विधायक एम्स-कल्याणी भर्ती मामले में सीआईडी के समक्ष हुए पेश, भवानी भवन में हुई पूछ-ताछपश्चिम बंगाल के हुगली जिले के जंगीपाड़ा के श्रीहट्ट इलाके में सातवीं की छात्रा का शव तालाब में मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई थी. मृत छात्रा के परिवार का आरोप है कि उसके साथ रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. सातवीं की छात्रा विजया दशमी की रात से लापता थी. रविवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल इलाके में परिजनों से मिलने गया था, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें गांव में न केवल प्रवेश करने से रोका , बल्कि ग्रामीणों के एक वर्ग ने कांग्रेस नेताओं का पीछा किया और गांव से बाहर खदेड़ दिया. अभी भी पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.
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