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तो क्या BMC को कंगना का ऑफिस बनाकर देना पड़ेगा? पहले भी तोड़े गये होटल और स्‍टॉल बनाकर देने पड़े थे

bmc have to build kangana ranaut office bmc further weakened if rti file by actress team know everything bud: कंगना रनौत बनाम बीएमसी मामला फिलहाल कोर्ट में है. कानून के जानकारों की मानें तो अगर कंगना रनौत ने साबित कर दिया कि निर्माण अधिकृत था तो बीएमसी को ना सिर्फ ढहाए गए हिस्से का निर्माण करना पड़ेगा बल्कि जुर्माना भी भरना पड़ेगा. अतीत में बीएमसी को कुछ ऐसी तोड़ फोड़ की कार्यवाही भारी भी पड़ी है.

By कोरी | September 12, 2020 3:15 PM

Kangana Ranaut BMC Controversy: कंगना रनौत बनाम बीएमसी मामला फिलहाल कोर्ट में है. कानून के जानकारों की मानें तो अगर कंगना रनौत ने साबित कर दिया कि निर्माण अधिकृत था तो बीएमसी को ना सिर्फ ढहाए गए हिस्से का निर्माण करना पड़ेगा बल्कि जुर्माना भी भरना पड़ेगा. अतीत में बीएमसी को कुछ ऐसी तोड़ फोड़ की कार्यवाही भारी भी पड़ी है. इसके साथ ही बीएमसी के जानकार यह भी बताते हैं कि कंगना रनौत बनाम बीएमसी में कंगना का पलड़ा फिलहाल भारी नज़र आ रहा है. उर्मिला कोरी की रिपोर्ट

अतिक्रमण का नहीं चेंज ऑफ यूजर का मामला था

बीएमसी के जानकार बताते हैं कि जिस तरह से कंगना मामले में आनन फानन में कार्यवाही हुई है वैसे अतिक्रमण के मामले में होती है. कंगना का चेंज ऑफ यूजर वाला मामला है. ऐसे में कार्यवाही होने लगे तो मुंबई के 90 परसेंट घर पर कार्यवाही होनी चाहिए. उदाहरण जैसे प्लान पास होता है. उससे अलग लोग बाथरूम टॉयलेट या कभी पूजा घर बना ही लेते हैं. इंटरनल चेंज आदमी करता ही है. चेंज ऑफ यूजर में आपको डायग्राम बिल्डिंग प्रपोजल में देना पड़ेगा. इसमें आप बताते हैं कि जितनी आपकी जगह थी आपने उतना ही इस्तेमाल किया है. सिर्फ किचन की जगह बाथरूम की हेर फेर हुई है. जगह के हेर फेर का मैटर है. कंगना ने दो रो हाउस को एक किया है लेकिन सवाल वही है. उन्होंने रो हाउस को रो हाउस ही रखा है. इंटरनल चेंज में तोड़ फोड़ की कार्यवाही से पहले समय देना ही चाहिए. सबसे अहम बात ये भी है कि बीएमसी ने इससे पहले नोटिस क्यों नहीं दिया था. कंगना के खार वाले घर पर नोटिस गया था. 2018 में कंगना ने कोर्ट केस भी फ़ाइल किया था. जिस वजह से स्टे लगा हुआ है लेकिन पाली हिल के ऑफिस में एक भी नोटिस नहीं गया था. कार्यवाही के 24 घंटे पहले वाला ही नोटिस पहला था.

आरटीआई फ़ाइल हुई तो बीएमसी और पड़ जाएगी कमज़ोर!

कोरोना काल में मुंबई हाईकोर्ट ने एक आर्डर निकाला था कि 30 सितबंर तक इस तरह की कोई भी तोड़क कार्यवाही नहीं होगी. खास बात ये है कि मार्च के बाद से कंगना रनौत के ऑफिस में ही पहली बार तोड़ फोड़ की कार्यवाही हुई है. कंगना की टीम अगर आरटीआई फ़ाइल करती है तो इसमें इस बात का खुलासा हो जाएगा कि लॉक डाउन के बाद से बीएमसी ने अवैध निर्माण के लिए एक भी तोड़ू कार्यवाही नहीं की है. उन्होंने 24 घंटे पहले भेजे कंगना के नोटिस पर ही कार्यवाही करने का फैसला किया.

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मनीष मल्होत्रा का पेंच फायदा कंगना को

कंगना रनौत के मामले में बीएमसी चारों तरफ से घिरती नज़र आ रही है. कंगना के पाली हिल स्थित ऑफिस में बुधवार को बीएमसी की तोड़ फोड़ को अब तक बदले की कार्यवाही बतायी जा रही थी लेकिन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा वाले केस के सामने आ जाने से बीएमसी का पक्षपाती रवैया भी सामने आ गया है. कंगना रनौत और मनीष मल्होत्रा का आफिस आसपास है. कंगना का आफिस 5 नंबर तो मनीष का 6 नंबर है।दोनों के आफिस में अवैध निर्माण की बात हो रही है लेकिन कंगना को बीएमसी ने 354 के तहत नोटिस दिया जबकि मनीष मल्होत्रा को 351(1) के तहत ।354 के तहत 24 घंटे के अंदर कार्यवाही होती है जबकि 351(1)के तहत 7 दिन की मोहलत दी जाती है. बीएमसी के जानकार बताते हैं कि बीएमसी के पास ये अधिकार है कि वो किसी को भी नोटिस भेज सकता है मामला एक होने पर भी लेकिन इस मामले को इस तरह से भी समझने की ज़रूरत है कि कोर्ट में मामला पहुँच गया है. ऐसे में कोर्ट भी अपने नज़रिए से फैसला दे सकती है. साफ है कि कोर्ट बीएमसी के इस पक्षपाती रवैये को नज़रंदाज़ नहीं करने वाली है.

बीएमसी ने तोड़े गए होटल और स्टॉल्स जब बनवाए

कई बार बीएमसी को अपने तोड़ू कार्यवाही का खामियाजा भी भुगतना पड़ा है. घाटकोपर स्थित एशियाड हॉटेल में बीएमसी की जबरदस्त तोड़ फोड़ कार्यवाही हुई थी. मामला कोर्ट में सालों चला लेकिन जीत एशियाड़ होटल की हुई. बीएमसी को इस हॉटेल को दोबारा बना कर देना पड़ा था. यह बहुत चर्चित मामलों में से एक था. इसके अलावा चेम्बूर में 30 से अधिक स्टाल्स को अतिक्रमण की कार्यवाही के तहत तोड़ा गया था लेकिन यहां भी बीएमसी को ही कोर्ट में मुँह की खानी पड़ी थी.

Posted By: Budhmani Minj

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