शहर में दो दिनों से धुंध की मोटी चादर तनी है. कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 अंक से ऊपर पहुंच गया है. लेकिन, प्रदूषण कम करने की जद्दोजहद के बीच मेट्रो कॉरपोरेशन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आमने-सामने आ गए हैं. मेट्रो के कार्यों की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी अमित मिश्रा का कहना है कि मेट्रो के छह भूमिगत और एलिवेटेड स्टेशनों पर 52.5 लख रुपए के जमाने की संतुष्टि की थी. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बुद्ध नगर और नौबस्ता का 19 सितंबर और 20 अक्टूबर को निरीक्षण किया था. इस दौरान पाया कि मेट्रो के कार्यों से सर्विस रोड पर लगातार धूल उड़ रही थी. परियोजना निदेशक को नोटिस दिया गया था फिर भी वायु प्रदूषण कम करने को लेकर कोई रोकथाम नहीं की गई.
मेट्रो ने वायु प्रदूषण फैलाने के आरोपों पर सफाई दी है. नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों को पेश करते हुए मेट्रो ने कहा कि निर्माण स्थलों के निकट बीते 2 सालों में प्रदूषण घटा है. यूपीएमआरसी ने AQI के आंकड़े दर्शाते हुए कहा कि उनकी वजह से शहर में प्रदूषण का ग्राफ नहीं बड़ा है. अधिकारियों ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए मेट्रो पूरी तत्परता से प्रयासरत है. धुंध और बदलते मौसम को देखते हुए निर्माणकार्य स्थलों पर पर्यावरण हितैषी उपाय किए जा रहे हैं. एंटी स्मोग गन, स्प्रिकलिंगसिस्टम वाले वाटर टैंकर, मैकेनिकल ब्रूमर,हाई प्रेशर जेट गन, व्हील वॉशिंग फैसिलिटी के साथ निर्माण स्थल पर व्यवस्थित बैरिकेडिंग जैसे साधनों का प्रयोग किया जा रहा है. मेट्रो ने आंकड़े जारी कर कहा कि किदवई नगर में पिछले दो सालों के मुकाबले AQI में सुधार हुआ है. अधिकारियों ने कहा कि किदवई नगर के पास इस समय कानपुर मेट्रो के उपरिगामी सेक्शन का कार्य तेजी से चल रहा है. ऐसे में 28 अक्टूबर से लेकर 7 नवंबर तक पिछले 2 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चला है कि भारी निर्माण कार्य के बावजूद प्रदूषण बढ़ने के बजाए घटा है.
Also Read: कानपुर में प्रदूषण की वजह से फेफड़ों के मरीज बढ़े, अस्पताल पहुंच रहे रोगियों को सांस लेने में हो रही दिक्कतबढ़ रहे वायु प्रदूषण को लेकर मंगलवार देर रात डीएम विशाख जी ने मेट्रो समेत आधा दर्जन विभागों को अल्टीमेटम दिया. उन्होंने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को चिन्हित स्थान पर नहीं मिले 32 प्रदूषण जांच केंद्रों के लाइसेंस खत्म करने के निर्देश दिए. 30 असंचालित प्रदूषण जांच केंद्रों को नोटिस जारी होगा. सरसैय्या घाट स्थित सभागार में बैठक के दौरान डीएम ने एडीएम आपूर्ति को खनन की गई मिट्टी ले जाने के लिए ग्रीन नेट कवर का प्रयोग करने के निर्देश दिए. सचिव केडीए शत्रोहन वैश्य, अपर जिलाधिकारी भू-अध्याप्ति रिंकी जायसवाल मौजूद रहे.