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बंगाल से आ रही नाव झारखंड के साहिबगंज में गंगा में डूबने से बची, नाविक की सूझबूझ से बाल-बाल बचे यात्री

Jharkhand News: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के पंचनंदपुर घाट से पश्चिम प्राणपुर फेरी के लिए नाव निकली थी. प्राणपुर फेरी घाट पहुंचने से पहले ही नाव में छेद हो जाने से नाव पर पानी भरने लगा. इससे नाव डूबने की स्थिति में आ गयी थी. तभी नाविक ने उसे टापू पर लाकर डूबने से बचा लिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2022 11:49 AM

Jharkhand News: झारखंड और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र उधवा दियारा के पश्चिमी प्राणपुर फेरी घाट पर बुधवार की शाम नाव गंगा में डूबते-डूबते बच गयी. नाविक की सूझबूझ से नाव पर सवार यात्री बाल-बाल बच गए. घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ राहुल देव व सीओ विक्रम महली, सीआई राजेंद्र राय बचावकर्मी के साथ मौके पर पहुंचे. घटनास्थल पर पहुंच कर उन्होंने घाट प्रबंधक को कड़ी फटकार लगायी. इधर, कोरोना नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार बुधवार को तीन बजे पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के पंचनंदपुर घाट से पश्चिम प्राणपुर फेरी के लिए नाव निकली थी. प्राणपुर फेरी घाट पहुंचने से पहले ही नाव में छेद हो जाने से नाव पर पानी भरने लगा. इससे नाव डूबने की स्थिति में आ गयी थी, परंतु नाविक की सूझबूझ से नाव को चुआर( टापू) पर लगा दिया गया तथा इसकी जानकारी घाट प्रबंधक को दी गई. प्राणपुर घाट से तीन अन्य नाव मौके पर पहुंचकर यात्रियों को सुरक्षित प्राणपुर तक लाई. सभी यात्री को बचा लिया गया. घटना की सूचना मिलते ही बीडीओ राहुल देव व सीओ विक्रम महली, सीआई राजेंद्र राय बचावकर्मी के साथ मौके पर पहुंचे. घटनास्थल पर पहुंच कर घाट प्रबंधक को कड़ी फटकार लगायी.

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बुधवार की संध्या उधवा अंचल अंतर्गत प्राणपुर फेरी घाट पर हुई घटना में दर्जनों लोग बाल-बाल बचे. नाव में बिना सोशल डिस्टेंसिंग या फिर मास्क के दर्जनों लोग सवार थे. विदित हो कि कोविड-19 संक्रमण को लेकर झारखंड और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में लगातार जांच अभियान चलाया जा रहा है. वाहनों एवं सवारी गाड़ी में क्षमता से आधा यात्रियों को ले जाने की अनुमति है. लोगों को मास्क पहनने एवं सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूक किया जा रहा है, परंतु सरकारी फेरी सेवा में संचालित नाव में एक तो क्षमता से अधिक यात्रियों का आवागमन कराया जा रहा है, वहीं कोरोना नियमों की अनदेखी हो रही है.

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रिपोर्ट: राकेश रमण सरकार

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