रूस से गोरखपुर पहुंचा एमबीबीएस छात्रा गार्गी का शव, सांसद रवि किशन ने हर संभव मदद करने का दिया था भरोसा

गोरखपुर की रहने वाली एमबीबीएस छात्रा गार्गी राय की मौत रुस के वोरोनेज स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के दौरान 13 मई को हुई थी. सांसद रवि किशन ने परिजनों से गार्गी का शव घर वापसी का वादा किया था. सांसद की पहल पर शव गोरखपुर पहुंच चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2023 11:52 PM

गोरखपुर के गगहा क्षेत्र के करवल मझगांवा की रहने वाली एमबीबीएस छात्रा गार्गी राय का शव गोरखपुर आ चुका है. गार्गी की मौत रूस के वोरोनेज स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में इलाज के दौरान 13 मई को हुई थी. उसे आंत में कुछ परेशानी होने के बाद आईसीयू में भर्ती किया गया था. सांसद रवि किशन को जैसे ही इस पूरी घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने गार्गी के भाई सुयश व पिता अनिल राय से बात की थी. सांसद ने परिजनों से गार्गी का शव घर वापसी का वादा किया था. सांसद की पहल पर शव गोरखपुर पहुंच चुका है.

गार्गी रूस के एक विश्वविद्यालय से करती थी एमबीबीएस

गार्गी के भाई सुयश राय ने बताया कि बहन गार्गी रूस के एक विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी. अचानक उसकी तबियत खराब होने के बाद उसके साथियों ने उसे आईसीयू में भर्ती कराया. उसके शुक्रवार को भर्ती कराया गया था. शनिवार रात में उसकी मौत हो गयी. क्यों की उसे सही इलाज नहीं मिल पाया. रुस में शनिवार व रविवार को डॉक्टर नहीं देखते हैं. इसी व्यवस्था के कारण मेरी बहन का सही से इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी.

शव लाने के लिए सांसद रवि किशन ने किया प्रयास

प्रशासन वहीं पर उसका अंतिम संस्कार करना चाहता था. लेकिन सांसद रवि किशन को जैसे ही इस पूरी घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने हम सभी को बहन के घर वापसी का वादा किया. सांसद ने तत्काल मेरे पिता से बात की और कहा गार्गी का शव घर लाने की जिम्मेदारी मेरी है. मैं अपनी जिम्मेदारी और अपने प्रयासों से उसे गोरखपुर लाउंगा.

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गोरखपुर पहुंचा गार्गी का शव

सांसद रवि किशन ने कहा कि गार्गी गोरखपुर की बेटी थी. उसकी मौत की खबर से मुझे बेहद दुख पहुंचा. मैंने परिजनों से बात की. परिजन बेटी का शव गोरखपुर लाना चाह रहे थे. रुस स्थित मेडिकल विश्वविद्यालय प्रशासन उसका वहीं अंतिम संस्कार करना चाह रहा थे. मैंने विदेश मंत्रालय में संपर्क किया और विदेश मंत्री के सहयोग से आज गार्गी गोरखपुर पहुंच चुकी है. इस दु:ख की घड़ी में मैं परिवार के साथ हूं मेरी पूरी टीम परिवार के सहयोग के लिए खड़ी है और रहेगी.

रिपोर्ट – कुमार प्रदीप,गोरखपुर

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