नगर परिषद से नगर निगम बना चास, नहीं बना कचरा निस्तारण प्लांट, जगह-जगह गंदगी का अंबार
Bokaro News: बोकारो जिले का चास नगर परिषद अब नगर निगम बन चुका है. फिर भी अब तक कचरा निस्तारण प्लांट नहीं बन सका. जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है. प्रभात खबर पाठक संवाद में लोगों ने क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें.
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Bokaro News: बोकारो जिले में चास नगर निगम प्रमुख शहर में से एक है. मुख्य व्यावसायिक शहर के रूप में जाना जाता है. नगर परिषद से नगर निगम हो गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. सफाई, शौचालय, अतिक्रमण व पार्किंग की सुविधा की कमी के कारण लोगों को बहुत परेशानी होती है. गुरुवार को चास धर्मशाला मोड़ स्थित राजेंद्र महतो स्मृति भवन के कार्यालय में प्रभात खबर पाठक संवाद आयोजित किया गया. संवाद के दौरान नगर विकास समिति व जन संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने चास निगम क्षेत्र की विभिन्न समस्याएं गिनायी.
चास के चौक-चौराहों को बना दिया डंपिंग यार्ड – जन संघर्ष मोर्चा
जन संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष विक्रम कुमार महतो, नगर विकास समिति के महामंत्री गौरीशंकर सिंह, संगठन प्रभारी आतिश सिंह, बाल कृष्ण मुरारी सहित अन्य ने कहा कि चास शहर नगर परिषद से नगर निगम हो गया, लेकिन अभी तक कचरा निस्तारण प्लांट नहीं हो सका. इस कारण पूरे निगम क्षेत्र में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. चास के विभिन्न चौक-चौराहों को डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. दुर्गंध से दुकानदार और राहगीर परेशान रहते है. सफाई कर्मी द्वारा आइटीआइ मोड़, फोरलेन में डंप किए हुए कचरा को जला दिया जाता है.
कचरा उठाने का लगता है शुल्क, नहीं होती सफाई
प्लास्टिक युक्त कचरा जलने से जहरीला धुआं निकलता है, जिस कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. कभी-कभी धुआं इतना ज्यादा निकलता है कि लोगों को सड़क पार करना भी मुश्किल हो जाता है और दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है. कहा कि सफाई कर्मी भी कभी भी हड़ताल पर चले जाते हैं, जिस कारण भी सफाई व्यवस्था चरमरा जाती है. हमलोग निगम को सभी प्रकार का टैक्स देते है फिर भी कचरा उठाने के लिए अलग से शुल्क लिया जाता है. इसके बाद भी काम ठीक से नहीं होता साथ ही सफाई कर्मी नियमित नहीं आते हैं.
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गरगा नदी और सिंगारी जोरिया का अतिक्रमण जारी
मोर्चा के संगठन महामंत्री करम चंद गोप, चास नगर अध्यक्ष गोपाल साह, प्रदीप सिंह व समिति के महामंत्री राम भजन, कैलाश जायसवाल , बी के सिंह सहित अन्य ने कहा कि गरगा नदी व सिंगारी जोरिया का अतिक्रमण जारी है. इससे गरगा नदी जोरिया का रूप ले रहा है और सिंगारी जोरिया कई जगह नाला बन गया है. सदस्यों ने कहा कि अतिक्रमण के साथ ही नदी व जोरिया को लगातार दूषित भी किया जा रहा है. शहर के लोग घर के कचरे को नदी और जोरिया किनारे फेंक देते है. नदी से सटे खटाल का पूरा गोबर नदी में बहा देते है. कहा कि निगम प्रशासन सिर्फ छठ के समय गरगा नदी का सफाई करता है, इसके बाद साल भर कुछ नहीं होता है. निगम की सफाई व्यवस्था सीवरेज सिस्टम पूरी तरह फेल है सिर्फ मुख्य सड़क पर झाड़ू लगता है गली मोहल्लों की हाल दयनीय है.
पार्किंग की व्यवस्था नहीं, लगता है जाम
मोर्चा के उपाध्यक्ष अजीत कुमार सिन्हा, प्रदीप सिंह, दुलाल हालदार, आशीष कुमार सहित अन्य ने कहा कि शहर में आयोजित विभिन्न सामाजिक और धार्मिक आयोजनों में डीजे बहुत तेज ध्वनि से बजाया जाता है. प्रशासन काे इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. चास की मुख्य सड़क पर आवारा पशु का कब्जा रहता है. इस कारण कई बार दुर्घटना हो चुकी है. निगम क्षेत्र में बड़े मॉल और दुकान खुल गयी है. कई प्रतिष्ठान के पास पार्किंग नहीं है, लोग सड़क किनारे वाहन खड़ा करते है. इस कारण जाम लगता है. पूरे चास में पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है. फुटपाथ पर अतिक्रमण हो गया है. निगम प्रशासन ने आइटीआइ मोड़ स्थित चास बस पड़ाव की नीलामी की है, लेकिन संबंधित एजेंसी के एजेंट पूरे चास में शुल्क वसूलकर लोगों को परेशान करते है. लोगो ने कहा आज भी कई कॉलोनी की सड़क कच्ची है और लोग बिजली पोल के अभाव में लोग बांस के सहारे बिजली जला रहे हैं.
बहुत जल्द कचरा निस्तारण प्लांट का निर्माण कार्य शुरू होगा. पूरे चास की फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए निगम प्रशासन ने अभियान शुरू कर दिया है. गरगा नदी और सिंगारी जोरिया को अतिक्रमण मुक्त करवाने की योजना भी तैयार की जा रही है.
संजीव कुमार, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम, चास
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