पोंजी कंपनी के लिए गोवा में परफॉर्म करके बुरे फंसे बॉलीवुड एक्टर गोविंदा, ओडिशा पुलिस के रडार पर आए
बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ऑनलाइन पोंजी स्कैम में फंस गए हैं. ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा उनसे पूछताछ कर सकती है. गोविंदा को ओडिशा बुलाया जाएगा या ओडिशा पुलिस की टीम उनसे पूछताछ के लिए मुंबई जाएगी, अभी तय नहीं है. पूरा मामला क्या है, यहां पढ़ें.
रोमांटिक और कॉमेडी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में अलग पहचान बनाने वाले एक्टर गोविंदा, जिन्हें प्यार से लोग चींचीं बुलाते हैं, ऑनलाइन पोंजी स्कैम में फंस गए हैं. ओडिशा की आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) उनसे जल्द पूछताछ कर सकती है. पूछताछ के लिए बॉलीवुड के इस चॉकलेटी एक्टर को या तो ओडिशा बुलाया जा सकता है या ईओडब्ल्यू के अधिकारियों की टीम को मुंबई भेजा जा सकता है. मामला एक हजार करोड़ रुपए के ऑनलाइन पोंजी घोटाला से जुड़ा है.
गैरकानूनी तरीके से चलता था ऑनलाइन पोंजी स्कीम
ईओडब्ल्यू की डीएसपी सस्मिता साहू ने बताया है कि सोलर टेक्नो अलायंस (एसटीए-टोकन) की संलिप्तता वाले करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच चल रही है. यह कंपनी गैरकानूनी तरीके से पिरामिड संरचना आधारित ऑनलाइन पोंजी स्कीम में शामिल थी. क्रिप्टो में निवेश के नाम पर इस कंपनी को चलाया जा रहा था. सस्मिता साहू ने कहा है कि गोविंदा को पूछताछ के लिए समन भेजा जा सकता है.
पूछताछ के लिए गोविंदा को किया जा सकता है समन
उन्होंने कहा कि या तो पूछताछ के लिए बॉलीवुड एक्टर गोविंदा को ओडिशा बुलाया जा सकता है. या फिर ईओडब्ल्यू की टीम को मुंबई में उनसे पूछताछ के लिए भेजा जा सकता है. सस्मिता साहू ने कहा है कि इसी साल जुलाई में गोविंदा ने गोवा में आयोजित एसटीए के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. कुछ वीडियो में कंपनी का प्रचार भी बॉलीवुड एक्टर ने किया था. सस्मिता साहू ने कहा कि ईओडब्ल्यू गोविंदा को संदिग्ध या आरोपी नहीं मान रही है.
दो लोगों को पिछले महीने ईओडब्ल्यू ने किया गिरफ्तार
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा है कि कंपनी के प्रचार में बॉलीवुड के हीरो गोविंदा की भूमिका वीडियो से साबित हुई है. उन्होंने कहा, ‘अगर ईडब्ल्यूओ को जांच में यह पता चलता है कि गोविंदा की भूमिका एग्रीमेंट के तहत महज एसटीए-टोकन ब्रांड के उत्पादों के प्रचार तक सीमित थी, तो उस स्थिति में हम उन्हें मामले में गवाह बनाया जाएगा.’ ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने पोंजी कंपनी के प्रमुख गुरतेज सिंह और इसके ओडिशा प्रभारी नारद दास को गिरफ्तार किया था.
10 हजार लोगों से कंपनी ने जमा किए 30 करोड़ रुपए
आर्थिक अपराध इकाई ने आधिकारिक बयान में कहा कि कंपनी ने ओडिशा के भद्रक, क्योंझर, बालासोर, मयूरभंज और भुवनेश्वर जिले के करीब 10 हजार लोगों से 30 करोड़ रुपये जमा किए थे. इस बीच, आव्रजन ब्यूरो ने हंगरी के नागरिक डेविड गेज के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है. आरोप है कि डेविड गेज ही पोंजी कंपनी का नेतृत्व कर रहा था, जिसने सोशल मीडिया के माध्यम से क्रिप्टो मुद्रा में निवेश के नाम पर लोगों को प्रलोभन दिया था. उसने निवेशकों को और लोगों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया.
उधर, गोविंदा के मैनेजर ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. एक्टर के मैनेजर शशि सिन्हा ने मीडिया में सफाई दी है कि मीडिया में जो रिपोर्ट्स आ रहीं हैं, वो आधी-अधूरी हैं. गोविंदा का इस स्कैम से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि गोविंदा एक कार्यक्रम के लिए एक एजेंसी के माध्यम से गोवा गए थे. परफॉर्म करने के बाद वह लौट आए. कार्यक्रम कराने वाली कंपनी के बिजनेस या ब्रांडिंग से हमारा कोई लेना-देना नहीं है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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