बॉलीवुड और बारिश…’जिंदगी की ना टूटे लड़ी’ गाने में गंदे पानी में भींगना पड़ा था हेमा मालिनी को, जानें किस्सा
बॉलीवुड में बारिश पर कई यादगार गाने अलग-अलग इमोशंस के साथ फिल्माये गये हैं. फिल्म ‘बागी’ का श्रद्धा कपूर पर फिल्माया गया गीत ‘नाचूं आज छम छम...’बारिश के साथ जुड़े उमंग के भाव को सामने ले आता है.
हिंदी सिनेमा में बारिश हमेशा से अहम रही है. बारिश पर कई यादगार गाने अलग-अलग इमोशंस के साथ फिल्माये गये हैं. फिल्म ‘श्री 420’ के गीत ‘प्यार हुआ इकरार हुआ…’ में एक छतरी के नीचे राज कपूर-नरगिस की ब्लैक एंड वाइट छवि अटूट प्यार की कहानी बयां करती है, तो फिल्म ‘बागी’ का श्रद्धा कपूर पर फिल्माया गया गीत ‘नाचूं आज छम छम…’बारिश के साथ जुड़े उमंग के भाव को सामने ले आता है. कुल मिलाकर ये गाने बरसात के पानी में भले ही आपको ना भिगो सकें, पर बरसात से जुड़े एहसास से जरूर आपको सराबोर कर जायेंगे. बॉलीवुड के ऐसे ही खास गीतों से जुड़ी कुछ दिलचस्प पहलुओं पर उर्मिला कोरी की यह खास रिपोर्ट.
जिंदगी की ना टूटे लड़ी…गंदे पानी में भींगना पड़ा था हेमा मालिनी को
साल 1981 में रिलीज हुई मनोज कुमार की सुपरहिट फिल्म ‘क्रांति’ का गीत ‘जिंदगी की ना टूटे लड़ी…’आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है. इस गाने में जंजीरों में बंधे हुए अभिनेता मनोज कुमार और अभिनेत्री हेमा मालिनी एक-दूसरे के प्रति अपना प्रेम दर्शा रहे हैं. यह पूरा गाना बारिश के सीक्वेन्स में ही फिल्माया गया है. इस गाने के संबंध में निर्माता निर्देशक मेहुल कुमार बताते हैं कि उस वक्त इंडस्ट्री में इस बात की खूब चर्चा हुई थी. फिल्म के इस गाने की शूटिंग के वक्त टैंकर का पानी खत्म हो गया था, जब तक पानी का नया टैंकर शूटिंग स्पॉट तक पहुंचता था, तब तक अंधेरा हो जाता. तय किया गया कि सामने के एक तालाब से पानी लेकर शूटिंग को पूरा कर लिया जायेगा, पर दिक्कत ये थी कि तालाब का पानी गंदा था. इस बारे में मनोज कुमार ने हेमा मालिनी को जब समझाया, तब वे आगे की शूटिंग के लिए राजी हो गयीं.
टिप टिप बरसा पानी… को रवीना टंडन ने बुखार में किया था पूरा
साल 1994 में रिलीज हुई फिल्म ‘मोहरा’ का गीत ‘टिप टिप बरसा पानी…’ हिंदी सिनेमा के फिल्माये गये बारिश का सबसे सेंन्सुअस गीत माना जाता है. विजू शाह के संगीत वाले इस गीत को उदित नारायण और अलका याग्निक ने गाया था. ऑन स्क्रीन रवीना टंडन और अक्षय कुमार पर यह गाना फिल्माया गया था. इस गीत के बारे में रवीना ने बताया था कि इस गाने की शूटिंग मुंबई के एक कंस्ट्रक्शन साइट पर हुई थी. वहां के फ्लोर पर कंकड व पत्थर थे. उसमें नंगे पांव डांस मूव्स करना आसान नहीं था. सिर्फ यही नहीं, इस गाने की शूटिंग चार दिनों तक चली थी. लगातार टैंकर के पानी से मुझ पर बारिश करवाया जाता था. उसमें हर दिन पूरे समय भीगना पड़ता था. शूटिंग के आखिरी दिन मुझे तेज बुखार हो गया था और उस पर मेरे पीरियड्स भी शुरू हो गये थे. काफी दिक्कतों का सामना करते हुए आखिरकार मैंने गाने को पूरा किया, पर मुझे खुशी है कि इस गाने ने रिलीज के बाद से ही दर्शकों को अपना दीवाना बना लिया था और आज भी बरकरार है.
रिमझिम गिरे सावन…गाने की पूरी शूटिंग असली बारिश में हुई है
साल 1970 में आयी फिल्म ‘मंजिल’ का गाना रिमझिम गिरे सावन… आज भी हिंदी सिनेमा के आइकॉनिक बारिश के गीतों में से है. इस गीत से जुड़े कई दिलचस्प पहलू हैं, पर सबसे खास बात यह है कि इस गाने की शूटिंग असली बारिश में हुई है. हिंदी सिनेमा के ज्यादातर बारिश के गाने कृत्रिम बारिश में शूट हुए हैं, पर रिमझिम गिरे सावन की पूरी शूटिंग असली बारिश में हुई है. कई दशकों से फिल्म पत्रकारिता का अहम हिस्सा रहे पत्रकार दिलीप ठाकुर बताते हैं कि फिल्म के निर्देशक बासु भट्टाचार्य अपनी फिल्म के इस गाने को असली बारिश में शूट करना चाहते थे. हालांकि, उस साल मुंबई में बहुत कम बारिश हुई थी, लेकन जैसे ही बारिश शुरू हुई सिर्फ दो दिन में यह पूरा गाना मुंबई के गिरगांव चौपाटी, मरीन ड्राइव, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसे अलग-अलग लोकेशन्स पर शूट कर लिया गया. गाने के लिए अलग-अलग लोकेशन तक फिल्म के कास्ट को पहुंचाने की जिम्मेदारी अमिताभ बच्चन के भाई अजिताभ बच्चन ने ली थी. उस वक्त उनके पास अपनी कार थी, जिसमें वह अभिनेत्री मौसमी चटर्जी व अमिताभ बच्चन को एक स्पॉट से दूसरी जगह पहुंचाते थे. इंडस्ट्री में स्थापित करने में उनके भाई अजिताभ ने भी शुरू में अहम भूमिका निभायी थी. ‘मंजिल’ अमिताभ के करियर की शुरुआती दौर की फिल्म थी.
कोई लड़की है…
की ट्यून पर आनंद बक्शी ने गीत लिखने
से कर दिया था इंकार
यश चोपड़ा निर्देशित शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर स्टारर फिल्म ‘दिल तो पागल है’ को दर्शकों ने खूब पसंद किया था. साल 1997 में रिलीज हुई इस फिल्म के गाने आज भी लोगों को काफी भाते हैं. इस रोमांटिक फिल्म का गीत ‘कोई लड़की है, जब वो हंसती है…’ बारिश को समर्पित था. इस गीत में संगीत उत्तम सिंह का था, जबकि शब्द आनंद बक्शी के. इस गीत की मेकिंग के बारे में फिल्म संगीतकार उत्तम सिंह कहते हैं कि जब मैंने इस गाने की ट्यून आनंद बक्शी को सुनायी, तो उन्हें वह बिल्कुल भी पसंद नहीं आयी और उन्होंने उस ट्यून पर गीत लिखने से साफ मना कर दिया था. उन्होंने मुझसे कहा कि आप दूसरी ट्यून लेकर आओ, लेकिन मुझे सिचुएशन के हिसाब से वही ट्यून सही लग रही थी. मैंने पापाजी ( यश चोपडा) से कहा कि वह इस गाने को किसी और से कंपोज करवा लें. वो बहुत कमाल के इंसान थे. उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. वे आनंद बक्शी से खुद बात करेंगे और इस तरह बात बन गयी. 15 दिनों बाद म्यूजिक सिटिंग में बक्शी साहब ने मेरी ट्यून पर शब्दों को पिरो दिया था. कोई लड़की है, जब वो हंसती है… इस गाने को सुनाने से पहले उन्होंने कहा कि लोग लोकगीत से प्रेरित होकर गीत लिखते हैं, हम खुद का लोकगीत बनाते हैं. वास्तव में यह गीत बरसात का अद्भूत फील देता है.