क्या आप जानते हैं आखिर बॉलीवुड, हॉलीवुड, टॉलीवुड नाम के पीछे ‘वुड’ शब्द ही क्यों लगाया जाता है. इस नाम की शुरुआत किसने की थी और कौन इसे यहां तक आगे लेकर आया है.
आज भारतीय सिनेमा को शुरू हुए 100 साल से ज्यादा हो गया है. एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई जाती है, जिसे पूरी दुनिया से लोकप्रियता मिलती है. फिल्मी दुनिया में वुड शब्द का इस्तेमाल किए जाने का इतिहास काफी पुराना है, जहां अमेरिका में सबसे पहले हॉलीवुड की शुरुआत की गई थी.
दरअसल हॉलीवुड, अमेरिका के लॉस एंजेलिस में स्थित एक जिला है. इसी के नाम पर एच.जे. व्हिटली ने फिल्म इंडस्ट्री का नाम ‘हॉलीवुड’ रखा था. उन्हें हॉलीवुड के पिता के रूप में जाना जाता है. 1870 में हॉलीवुड एक छोटा समुदाय था और 1903 में इसे नगर पालिका में शामिल कर लिया गया और 1910 में आधिकारिक तौर पर इसका लॉस एंजिल्स शहर में विलय कर दिया गया.
समय के साथ लॉस एंजिल्स बढ़ता गया और फिल्म निर्माता ने कई बेहतरीन फिल्में बनाई. जिसके बाद हॉलीवुड नाम पूरी दुनिया में फेमस हो गया. जिसके बाद अंग्रेजी फिल्मों बनने की वजह से इसका नाम हॉलीवुड रख दिया गया.
यह स्थान कई ऐतिहासिक स्टूडियो सहित मनोरंजन इंडस्ट्री का हार्ट है. इसलिए, हम कह सकते हैं कि यह एक ऐसा शहर है, जहां कहानियां रची जाती हैं, ऐसी कहानियां जो स्क्रीन पर जीवंत हो उठती हैं और दर्शकों को जादुई अनुभव करवाती है.
बंगाली फिल्म इंडस्ट्री कोलकाता के टॉलीगंज नामक स्थान पर स्थित है. 1930 के दशक की शुरुआत में ‘टॉलीवुड’ शब्द को बंगाली फिल्म उद्योग के लिए हॉलीवुड की तरह ही पत्रिका द्वारा गढ़ा गया था.
बॉलीवुड का नाम हॉलीवुड के ‘एच’ को बदलकर ‘बी’ रखा गया, जो बॉम्बे का पहला अक्षर है. यह 1970 के दशक में लोकप्रिय हुआ, जब हिंदी फिल्म उद्योग निर्मित फिल्मों की संख्या के मामले में हॉलीवुड को पछाड़कर दुनिया में सबसे बड़ा बन गया.
ओडिशा में ओलीवुड, केरल में मलयालम फिल्म उद्योग के लिए मॉलीवुड, तमिल सिनेमा के लिए कॉलीवुड का उपयोग किया जाता है. सिंधी फिल्म उद्योग के लिए सॉलीवुड, पंजाबी फिल्मों के लिए लॉलीवुड नाम रखा गया.
ढाका शहर पर आधारित बांग्लादेशी फिल्म उद्योग के लिए धालीवुड या धालीवुड शब्द का उपयोग किया. कराची शहर पर आधारित पाकिस्तानी फिल्म उद्योग के लिए कैरीवुड का नाम उपयोग किया जाता है.