अवैध खनन मामले में CBI ने जिनसे की थी पूछताछ, उस पर बम से हमला, गंभीर रूप से घायल हुए 5 लोग

पंकज मिश्र व अन्य के खिलाफ विजय हांसदा द्वारा दर्ज कराये गये मामले में सुबेश मंडल का भी नाम सामने आया था. हालांकि उस केस को जब इडी ने टेकओवर किया, तो बाद में विजय हांसदा खुद अपने आरोपों से मुकर गया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2023 6:52 AM

साहिबगंज में अवैध उत्खनन मामले में सुबेश मंडल से सीबीआइ ने कुछ दिन पहले ही पूछताछ की थी. उस पर शुक्रवार को बम से हमला किया गया. घटना शुक्रवार दोपहर तालझारी थाना क्षेत्र के मसकलैया में हुई है. घटना के वक्त सुबेश मंडल स्कॉर्पियो में सवार होकर साहिबगंज से तालझारी के डेढ़गामा स्थित अपने घर जा रहा था. स्कॉर्पियो में उसके साथ ड्राइवर सुभाष पासवान के अलावा घीसू मंडल, दिनेश मंडल और रवि साह सवार थे. हमले में पांचों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. वारदात को तीन बाइक पर सवार करीब पांच अपराधियों ने अंजाम दिया. उसके बाद हथियार लहारते हुए फरार हो गये.

गौरतलब है कि पंकज मिश्र व अन्य के खिलाफ विजय हांसदा द्वारा दर्ज कराये गये मामले में सुबेश मंडल का भी नाम सामने आया था. हालांकि उस केस को जब इडी ने टेकओवर किया, तो बाद में विजय हांसदा खुद अपने आरोपों से मुकर गया. लेकिन इस मामले में हाइकोर्ट के आदेश पर अब सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी है. साहिबगंज में हुए अवैध उत्खनन से जुड़े इस मामले की जांच के क्रम में कुछ दिन पहले ही सीबीआइ की टीम ने सुबेश मंडल को भी पूछताछ के लिए साहिबगंज स्थित परिसदन बुलाया था.

हमले के बाद स्कॉर्पियो लेकर थाने में घुस गया चालक :

उधर शुक्रवार को हमले के बाद हमलावरों से बचने की कोशिश करते हुए ड्राइवर सुभाष पासवान घायल अवस्था में ही स्कॉर्पियो को तेजी से भगाते हुए सीधे राजमहल थाना परिसर में घुस गया. राजमहल थाने की पुलिस तत्काल सभी घायलों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल ले गयी. यहां प्राथमिक उपचार के बाद सुबेश मंडल और सुभाष पासवान को पश्चिम बंगला के मालदा रेफर कर दिया गया है. जबकि, घीसू मंडल का इलाज अनुमंडलीय अस्पताल में ही चल रहा है.

वहीं, घायल दिनेश मंडल और रवि साह का इलाज साहिबगंज के एक निजी अस्पताल में चल रहा है. पुलिस की पूछताछ में सुबेश मंडल ने बताया है कि वह दोपहर 2:00 बजे स्कॉर्पियो पर सवार होकर साहिबगंज से अपने घर के लिए निकला था. मसकलैया के समीप तीन बाइक पर सवार करीब पांच अपराधियों ने उसकी गाड़ी पर बमबारी शुरू कर दी. अपराधी हथियार भी लहरा रहे थे. घटना के बाद जब ड्राइवर गाड़ी को लेकर भागने लगा, तो अपराधियों ने कुछ दूर तक इन लोगों ने पीछा भी किया है.

घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआइटी गठित :

घटना की सूचना मिलते ही तालझारी थाना प्रभारी प्रमोद टुडू घटनास्थल पहुंचे और छानबीन शुरू की. इधर, अस्पताल पहुंचे पुलिस निरीक्षक राजीव रंजन, राजमहल थाना प्रभारी कुंदनकांत विमल, एसआइ अमन कुमार व प्रवेश राम ने घायलों से घटना की जानकारी ली. इधर, इस वारदात की जांच के लिए एसपी नौशाद आलम ने पांच सदस्यीय एसआइटी गठित की है, जिसमें बरहरवा एसडीपीओ प्रदीप उरांव, राजमहल इंस्पेक्टर राजीव रंजन व तीन अन्य थाना प्रभारी शामिल हैं.

विजय हांसदा का बचाव पक्ष ने किया क्रॉस एग्जामिनेशन

रांची इडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में शुक्रवार को इडी के गवाह का बयान समाप्त हो गया. विजय हांसदा ने कोर्ट में अपने बयान में कहा कि मैंने सादा कागज पर हस्ताक्षर किया है. हस्ताक्षर मैंने इसलिए किया क्योंकि मुंगेरी यादव और अशोक यादव ने मुझे धमकी दी थी और मुझ पर दबाव बनाया था. विजय हांसदा ने शुक्रवार को बचाव पक्ष द्वारा क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान यह बयान दिया.

इडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक आतिश कुमार कोर्ट में उपस्थित थे, जबकि पंकज मिश्रा की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा, प्रेम प्रकाश की तरफ से अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा और स्नेह सिंह उपस्थित थे. अवैध खनन मामले में पंकज मिश्रा, प्रेम प्रकाश, बच्चू यादव, दाहू यादव और उसके पिता पशुपतिनाथ भी आरोपी हैं.

सुरक्षा का हवाला देकर नहीं पहुंचे तीर्थनाथ व अनुरंजन

पंकज मिश्रा सहित 20 के खिलाफ ऑनलाइन शिकायत करनेवाले तीर्थनाथ आकाश और अनुरंजन अशोक को पुलिस ने समन भेज कर पूछताछ के लिए शुक्रवार को मुफ्फसिल में बुलाया था. लेकिन, दोनों थाना नहीं पहुंचे. सूत्रों के अनुसार, दोनों ने पुलिस को सुरक्षा का हवाला देकर नहीं आने की बात कही. तीर्थनाथ व अनुरंजन ने पुलिस को बताया है कि गुरुवार शाम उन्हें मोबाइल पर धमकी मिली है. पर्याप्त सुरक्षा नहीं होने के कारण उनके लिए अभी साहिबगंज आना मुश्किल है.

गौरतलब है कि तीर्थनाथ आकाश और अनुरंजन अशोक ने झारखंड हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर साहिबगंज में हो रहे अवैध खनन की सीबीआइ जांच की मांग की थी. इसमें पंकज मिश्रा सहित कई लोग व कुछ अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया था.

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