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Defamation Case : कंगना रनौत-जावेद अख्तर मानहानि केस की सुनवाई 14 सितंबर तक टली, जानें पूरा मामला

बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दायर एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. उन्होंने इस याचिका में बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर एक शिकायत पर शहर में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2021 9:42 AM

बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दायर एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. उन्होंने इस याचिका में बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर द्वारा दायर एक शिकायत पर शहर में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा उनके खिलाफ शुरू की गई आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने की मांग की गई थी. अब इस मामले की सुनवाई 14 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है.

कंगना रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दीकी के माध्यम से इस साल की शुरुआत में शुरू की गई मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देते हुए कहा था कि अंधेरी उपनगरीय मजिस्ट्रेट की अदालत मामले में अपना दिमाग लगाने में विफल रही हैं. उन्होंने कहा कि निचली अदालत ने अपनी याचिका में शिकायतकर्ता या उसके खिलाफ शिकायत में नामित गवाहों से स्वतंत्र रूप से पूछताछ नहीं की.

बुधवार को सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ से कहा कि अख्तर की शिकायत की पुलिस जांच “एकतरफा” थी. सिद्दीकी ने हाईकोर्ट से कहा कि, “मेरे गवाहों से कभी पूछताछ नहीं की गई. मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि किसी भी पक्ष को परेशान न किया जाए.”

हालांकि जावेद अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने पीठ को बताया कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के कुछ अंशों को देखने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया था जिसमें कंगना ने कथित मानहानिकारक टिप्पणी की थी. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने जांच में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए गवाहों और रानौत सहित संबंधित व्यक्तियों को तलब किया था, लेकिन उन्होंने ने कभी भी समन का जवाब नहीं दिया.

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क्या है मामला?

गौरतलब है कि, जावेद अख्तर ने पिछले साल नवंबर में कंगना रनौत के खिलाफ अंधेरी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी. उन्होंने एक टेलीविजन इंटरव्यू में उनके खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक और निराधार टिप्पणी करने का आरोप लगाया था. दिसंबर 2020 में, अदालत ने जुहू पुलिस को अख्तर की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया.

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