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रिंग तक पहुंचने से पूर्व ही नॉकआउट किये जा रहे हैं झारखंड के बॉक्सर, मारा जा रहा खिलाड़ियों का हक

चर्चा है कि पैसे लेकर ऐसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाता है. इन खिलाड़ियों का उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रीयस्तर की प्रतियोगिता में सर्टिफिकेट हासिल करना होता. इस सर्टिफिकेट की बदौलत वह स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी हासिल कर लेते हैं.

  • सर्टिफिकेट लेकर बाहरी खिलाड़ी सरकारी व प्राइवेट कंपनियों में हो जाते हैं बहाल

  • झारखंड बॉक्सिंग टीम में पैसे के जोर पर ‘बाहरी’ खिलाड़ियों का बोलबाला

  • 13 सदस्यीय टीम में झारखंड के नौ खिलाड़ियों में दूसरे राज्य के चार खिलाड़ी

सुनील कुमार, रांची: झारखंड के बॉक्सर रिंग में उतरने से पहले ही नॉकआउट हो जा रहे हैं और इसके जिम्मेवार झारखंड बॉक्सिंग संघ (जेबीए) के प्रशासक हैं. फिलहाल इसका सबूत कर्नाटक के बेलारी में 11 सितंबर यानी शनिवार से शुरू हुई पांचवीं एलीट सीनियर नेशनल पुरुष बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए घोषित टीम है. टीम दो दिन पहले घोषित होती है. 13 सदस्यीय टीम में झारखंड के नौ खिलाड़ियों में दूसरे राज्य के चार खिलाड़ी को झारखंड का बताकर चुन लिया गया.

ऐसे खिलाड़ियों को जीत से ज्यादा जरूरी होता है सर्टिफिकेट हासिल करना. चर्चा है कि पैसे लेकर ऐसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया जाता है. इन खिलाड़ियों का उद्देश्य सिर्फ राष्ट्रीयस्तर की प्रतियोगिता में सर्टिफिकेट हासिल करना होता. इस सर्टिफिकेट की बदौलत वह स्पोर्ट्स कोटे से सरकारी नौकरी हासिल कर लेते हैं. ऐसे बाहरी खिलाड़ियों के चयन होने से राज्य के खिलाड़ियों में निराशा है.

रांची जिला बॉक्सिंग संघ को मिली चेतावनी

सीनियर टीम के लिए पिछले दिन जमशेदपुर में हुए ट्रायल के दौरान रांची जिला बॉक्सिंग संघ ने अनु नामक हरियाणा की महिला बॉक्सर को रिंग में उतारा. इसकी खबर ट्रायल में आयी अन्य बॉक्सरों और उनके कोच को लगी. इसके बाद हंगामा शुरू हो गया. रांची के संघ के अधिकारियों ने इस बॉक्सर के आधार नंबर को फैब्रिकेट कर इसे ट्रायल में शामिल कराया था.

आधार कार्ड में इसका पता बांधगाड़ी, सदर बरियातू दिखाया गया है. वहीं, बाद में जब उसके आधार नंबर की जांच की गयी, तो उक्त बॉक्सर का पता हरियाणा का मिला. अनु इससे पहले भी रांची जिला का प्रतिनिधित्व कर चुकी है. जमशेदपुर में ट्रायल के बाद जेबीए ने रांची जिला संघ को चेतावनी दी और संघ के अध्यक्ष आइपीएस रेजी डुंगडुंग को इसकी जानकारी दी. इस पर श्री डुंगडुंग ने जांच करने का आश्वासन दिया है. ट्रायल के दौरान गुमला जिले पर भी बाहरी बॉक्सर को उतारने का आरोप है.

आरोप : बड़ी राशि में तय होता है सौदा

झारखंड बॉक्सिंग संघ (जेबीए) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि आयातित या बाहरी बॉक्सरों को झारखंड से खिलाने के लिए बड़ी राशि में सौदा तय होता है. सूत्रों की मानें, तो दूसरे राज्य के जो बॉक्सर झारखंड से खेलना चाहते हैं, उन्हें 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक चुकाना पड़ता है. प्रभात खबर के पास एक ऑडियो भी है, जिसमें हरियाणा के एक कोच ने दावा किया है कि झारखंड में पैसे के लेन-देन के साथ खिलाड़ियों को खेलाया जाता है. इसमें रांची के एक कोच की अहम भूमिका है.

फर्जी आधार नंबर पर टीम में शामिल किया

जेबीए ने गुरुवार को झारखंड सीनियर टीम घोषित की. यह टीम 11 से 21 सितंबर तक कर्नाटक के बेलारी में आयोजित पांचवीं एलीट सीनियर नेशनल पुरुष बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही है. टीम में 13 खिलाड़ी शामिल हैं. इनमें से नौ बॉक्सर झारखंड के हैं, जबकि बाकी चार बॉक्सर दूसरे राज्यों से हैं. इन चार खिलाड़ियों को फर्जी आधार नंबर पर टीम में शामिल किया गया है. अधिकारियों ने बड़ी सफाई से इनके आधार नंबर में हेरफेर कर इन्हें टीम में जगह दी है. इनके आधार संख्या की जब जांच की गयी, तो उनका कोई रिकॉर्ड नहीं पाया गया, जबकि शेष नौ बॉक्सरों का पता झारखंड का है. इस संबंध में जेबीए के अध्यक्ष उत्तम सिंह ने बताया कि सभी खिलाड़ियों के आधार की विस्तृत जांच करना संभव नहीं है.

रजिस्ट्रेशन नंबर में नाम निकला दूसरे खिलाड़ी का

बीएफआइ देश के सभी बॉक्सरों की पहचान के लिए उन्हें एक रजिस्ट्रेशन नंबर देता है. झारखंड के भी 350 बॉक्सर बीएफआइ से रजिस्टर्ड हैं. बीएफआइ की इस सूची में बीएक्स 1685 नंबर झारखंड के चंदन कुमार सिंह (पिता हारा राम सिंह) के नाम रजिस्टर्ड है, लेकिन गुरुवार को जो टीम घोषित की गयी, उसमें उक्त नंबर के आगे राजकुमार प्रमाणिक (पिता निबारण प्रमाणिक) का नाम दर्ज है.

350 से अधिक बॉक्सर जिनका मारा जा रहा हक

झारखंड में करीब 350 बॉक्सर हैं, जो बीएफआइ से रजिस्टर्ड हैं. इन बॉक्सरों को यदि अपने राज्य से खेलने का मौका नहीं मिला, तो ये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक भी नहीं पहुंच पायेंगे. सबसे ज्यादा नुकसान इन्हें अपना करियर बनाने में उठाना पड़ेगा. अगर इन बॉक्सरों का प्रदर्शन राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं हुआ, तो खेल कोटे से मिलनेवाली नौकरी से भी इन्हें वंचित रहना पड़ सकता है.

झारखंड में सक्रिय है सिंडिकेट

सूत्रों की मानें, तो झारखंड में एक सिंडिकेट सक्रिय है, जो पैसे लेकर दूसरे राज्यों खासकर हरियाणा से बॉक्सरों को लाकर झारखंड से खिलाते हैं. इस सिंडिकेट में रांची के दो, रामगढ़ के एक और जमशेदपुर के तीन अधिकारी/कोच शामिल हैं.

क्या कहते हैं जिम्मेवार लोग

ट्रायल में शामिल होनेवाले सभी खिलाड़ियों के बारे में विस्तृत जांच करना संभव नहीं है. साथ ही सभी के आधार संख्या का मिलान करना भी संभव नहीं है.

-उत्तम सिंह, अध्यक्ष जेबीए

अभी मैं निजी कार्यों से दिल्ली में हूं. अनु के बारे में कुछ भी बता पाने में असमर्थ हूं. रांची आने पर इस मामले में बात करूंगा.

-रेजी डुंगडुंग, अध्यक्ष रांची जिला बॉक्सिंग संघ

Posted by: Pritish Sahay

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