धनबाद : कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया की आर्थिक, सामाजिक व शिक्षण गतिविधियां थम गयी हैं. इसका असर शिक्षण संस्थानों तक पहुंच गया है. इससे बड़े शिक्षण संस्थान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. वहीं दुनिया भर में कोरोना की वजह से एक तरह की मंदी आ गयी है. शिक्षण संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट पूरी तरह से थम गयी है. धनबाद के दो प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान आइआइटी आइएसएम और बीआइटी सिंदरी भी बुरी तरह प्रभावित हैं. दोनों संस्थानों में कैंपस प्लेसमेंट भी रुक गया है. मार्च के पहले सप्ताह से कोई भी कंपनी यहां प्लेसमेंट के लिए नहीं आयी है और आगामी अप्रैल महीने में भी इनके आने की संभावना नहीं है. कुछ कंपनियों ने संस्थानों को सूचित कर दिया है कि वह प्लेसमेंट के लिए नहीं आ रही है.
50-60 कंपनियों को आना था आइआइटी में : मार्च आैर अप्रैल में 50 से 60 कंपनियों को कैंपस प्लेसमेंट के लिए आइआइटी आइएसएम में आना था. इसमें कोल इंडिया जैसी बड़ी कंपनी भी शामिल है, लेकिन अब ये कंपनियां नहीं आ रही हैं. संस्थान के सीडीसी के चेयरमैन प्रो एसके सिन्हा मानते हैं कि कोरोना की वजह से प्लेसमेंट प्रभावित हुआ है. इसकी वजह से प्लेसमेंट की संख्या में कमी आ सकती है. उन्होंने बताया कि अभी हिंदुस्तान जिंक, जिंदल स्टील जैसी बड़ी कंपनियां आने वाले थी, लेकिन उन्हें अब 14 अप्रैल के बाद आने के लिए कहा गया है.
बीआइटी में आना था 15-20 कंपनियों को : बीआइटी सिंदरी में मार्च व अप्रैल में 15-20 से कंपनियों को कैंपस प्लेसमेंट के लिए आना था. लेकिन अब ये कंपनियां नहीं आ रही है. इनमें कुछ कंपनियों ने बाकायदा संस्थान को सूचित कर दी है कि हालात सामान्य होने पर ही वे प्लेसमेंट के लिए आयेंगी. संस्थान के प्लेसमेंट सेल के अधिकारी डॉ घनश्याम ने बताया कि वे छात्रों का ऑनलाइन इंटरव्यू के माध्यम से कैंपस कराने के लिए प्रयासरत हैं.
ज्वाइनिंग पर भी संशय : आइआइटी आइएसएम में जुलाई 2019 से फरवरी 2020 के बीच कैंपस प्लेसमेंट कर चुकी 110 कंपनियों ने 620 छात्र व छात्राओं को कैंपस प्लेसमेंट के जरिये नौकरी ऑफर किया है. इसी तरह बीआइटी सिंदरी में इस दौरान कैंपस के लिए आयी 50 से अधिक कंपनियों ने 250 से अधिक छात्र-छात्राओं को नौकरी ऑफर किया है, लेकिन अब इस बात की अाशंका जाहिर की जा रही है की इनमें से अधिकतर छात्रों को निकट भविष्य में कंपनियां ज्वाइनिंग नहीं देंगी. छात्रों को अभी इंतजार करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना की वजह से पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के चपेट में है. ऐसे हालात में कोई भी कंपनी नयी ज्वाइनिंग नहीं देने से परहेज ही करेगी.