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गोड्डा : तीन करोड़ की लागत से खटनई में बनेगा पुल, ग्रामीणों में खुशी, विधायक ने किया शिलान्यास

गोड्डा जिला के प्रशिक्षित शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल विधायक दीपिका पांडे सिंह से मिलकर समस्या समाधान को लेकर पहल करने की मांग की. प्रतिनिधि मंडल में शामिल प्रशिक्षित शिक्षकों ने कहा कि विभाग की मंशा प्रोन्नति देना नहीं, बल्कि आपस में लड़वाकर मामले को उलझाना है.

गोड्डा विधायक अमित मंडल ने रविवार को सदर प्रखंड के खटनई गांव में पुल का शिलान्यास किया. यह पुल खटनई गांव को बहियार से जोड़ेगी. तीन करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जायेगा. विधायक ने नारियल फोड़कर नये पुल के निर्माण की आधारशिला रखी. इस अवसर पर विधायक ने कहा कि पुल के बन जाने से खटनई, मालडीह, परासी, सोनडीहा, जजलपुर, बक्सरा व आसपास के कई पंचायत के हजारों ग्रामीणों को यातायात की सुविधा होगी. वहीं स्थानीय लोगों को कई किलोमीटर घुमकर जाना नहीं पड़ेगा. साथ ही विधायक श्री मंडल ने यह भी कहा कि जल्द ही बहुरिया से भीखा सड़क का शिलान्यास किया जाएगा, जो की क्षेत्र की चिरपरिचित मांग है. इस मांग को भी उनके द्वारा पूरा करने का काम किया जाएगा. सभी वायदों को पूरा करने के बाद ही वे जनता के बीच जाएंगे. बताया कि उनका पहला ध्येय रहा है कि यहां के क्षेत्र का हर हाल में विकास हो. इसके लिए हमेशा चतुर्दिक विकास का काम किया गया है. शिलान्यास कार्यक्रम में मौके पर स्थानीय मुखिया अनंदी मांझी, छोटू मांझी, मुन्ना मांझी, कुलदीप मांझी, राजीव कुमार, गुंजन राज, सुभाष पासवान सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे.


महागामा विधायक से मिला प्रशिक्षित शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल

गोड्डा जिला के प्रशिक्षित शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल विधायक दीपिका पांडे सिंह से मिलकर समस्या समाधान को लेकर पहल करने की मांग की. इस संबंध में प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा बताया गया कि 2015-16 में झारखंड राज्य के मध्य विद्यालयों में नियुक्त स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रोन्नति से दरकिनार करने और कुछ शिक्षकों को प्रोन्नति का लाभ देने की नियति से शिक्षा सचिव की स्वयं के पत्र को संशोधित करते हुए पुनः निर्देशित पत्र जारी करना उचित नहीं है. शिक्षा सचिव द्वारा छह से आठ के शिक्षकों को पूर्व के शिक्षकों से वरीय बताते हुए सूची का निर्माण करने का आदेश जारी करने के बाद वरीयता सूची का निर्माण कर लिया जाता है. पुनः 4 -5 सप्ताह बाद सचिव महोदय द्वारा कुछ शिक्षक संघ के दबाव में एक निर्देश जारी किया जाता है कि ग्रेट सात में प्रोन्नति हेतु ग्रेड चार में कार्यरत एवं पांच वर्ष के कार्य अनुभव को शिथिल करते हुए कार्यानुभव की अवधि 10 वर्ष कर दी गयी है, जो अनैतिक और भेदभाव पूर्ण है. प्रशिक्षित शिक्षकों ने विधायक से आग्रह किया कि प्रोन्नति का कार्य शिक्षक प्रोन्निति नियमावली 1993 के तहत किया जाय. साथ ही यह भी ध्यानाकर्षण किया गया कि राज्य के सभी जिले में जिन-जिन प्राथमिक विद्यालयों को मध्य विद्यालय में उत्क्रमित किया गया है, जिसमें प्रधानाध्यापक के पद सृजन का कार्य शिथिल पड़ा हुआ है. यदि इन विद्यालयों में प्रधानाध्यापक का पद सृजन तीव्र गति से कर लिया जाता है तो सभी शिक्षको में प्रोन्नति संबंधी विवाद स्वतः समाप्त हो जायेगी. सभी शिक्षक पुराने हो या 2015-16 में नियुक्त 6 से 8 के शिक्षक हों, सबों को प्रोन्नति मिल जायेगी. प्रतिनिधि मंडल में शामिल प्रशिक्षित शिक्षकों ने कहा कि विभाग की मंशा प्रोन्नति देना नहीं, बल्कि आपस में लड़वाकर मामले को उलझाना है.

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