Buddha Purnima 2023 Upay: बुद्ध पूर्णिमा के दिन जरूर करें ये उपाय, जीवन के सारे कष्ट होंगे दूर
Buddha Purnima 2023 Upay: इस बार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई 2023 को है. ज्योतिष जानकारों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, जिसकी वजह से कई शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है.
Buddha Purnima 2023 Upay: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. इस बार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई 2023 को है. ज्योतिष जानकारों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, जिसकी वजह से कई शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है. आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा के दिन किन उपायों को करें, जानें शुभ योग, मुहूर्त
बुद्ध पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Buddha Purnima 2023 Muhurat)
वैशाख पूर्णिमा तिथि शुरू – 04 मई 2023, सुबह 11.44
वैशाख पूर्णिमा तिथि समाप्त – 05 मई 2023, रात 11.03
बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा तिथि 04 मई 2023 को सुबह 11.44 पर शुरू होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन 05 मई 2023 को रात 11.03 तक होगा. इस दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण रात 08.45 पर लगेगा और देर रात 01.00 बजे खत्म होगा. ये उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय
1. अगर आपका कोई काम लंबे समय से रुका हुआ है, तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें, ये बहुत ही अच्छा माना जाता है. ऐसा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है, साथ ही गंगाजल का घर में छिड़काव करने से नकारात्मकता का नाश भी हो जाता है.
2. इस दिन चंद्र देव का ध्यान अवश्य ककरें. एक चांदी के प्लेट में घी का दीपक और धूप जलाएं. इसमें मखाने और छुहारे रखें और चंद्रमा को रात्रि में अर्घ्य दें. साथ ही साबूदाने की खीर भी चढ़ाएं और चंद्रदेव का ध्यान करें. इससे चंद्रदेव के आशीर्वाद की प्राप्ति होगी और आपके सभी रुके हुए काम पूरे हो जाएंगे.
3. इस दिन किसी तीर्थ स्थान पर जाएं, अंजली भर जल लेकर काले तिल मिलाकर पितरों के नाम से अर्पित करें. ऐसा करने से कलह-कलेश और अशांति दूर हो जाती है.
बुद्ध पूर्णिमा क्यों है खास
वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्मदिवस मनाया जाता है. भगवान बुद्ध को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इस बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के सम्मान के लिए मनाया जाता है. इस दिन मंदिरों और बौद्ध मठों में पूजा और ध्यान होता है. इस दिन एक बर्तन में पानी और फूल भरकर भगवान बुद्ध के सामने रखा जाता है और भगवान बुद्ध को शहद, फल और फूल अर्पित करते हैं साथ ही मोमबत्ती भी जलाते हैं. वहीं कुछ जगहों पर पिंजरे में कैद पंछियों, जानवरों को आजाद भी करते हैं.