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Buddha Purnima 2023: शुक्रवार को है बुद्ध पूर्णिमा का व्रत, जानिए पूजा विधि और महत्व

Buddha Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख माह की पूर्णिमा 5 मई 2022 शुक्रवार को है. इस दिन चंद्र दर्शन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Buddha Purnima 2023: भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिये भी खास पर्व है. हिन्‍दू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान श्री विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है.

कब है वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा?

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल वैशाख माह की पूर्णिमा 5 मई 2022 शुक्रवार को है. इस दिन चंद्र दर्शन करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इन दिन को बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैसाख पूर्णिमा की तिथि शुक्रवार 4 मई को 11:44 से शुरू होकर अगले दिन 5 मई 2023 को रात 11:30 पर समाप्त होगी. इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा.

जानें शुभ मुहूर्त

स्नान मुहूर्त – सुबह 04.12 – सुबह 04.55
सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39
कूर्म जयंती पूजा मुहूर्त – शाम 04.18 – शाम 06.59

इन भगवान की पूजा करने से होंगी सारी मनोकामनाएं पूरी

वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सारे पापों से मुक्ती मिलती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चंद्र दर्शन जरूर करना चाहिए. चंद्र दर्शन न करने से व्रत पूरा नहीं होता है. चंद्र दर्शन करने से चंद्रदेव का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की उपासना करें. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. इस दिन दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है इस दिन दान करने से कई गुना फल प्राप्त होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है. गंगा जैसी किसी नदी में स्नान करें. पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान करें. इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें. ऐसा करते समय बहते जल में तिल प्रवाहित करें. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा करना भी बहुत ही फलदायी माना जाता है.

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैसाख दूसरा महीना होता है. वैसाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु के 9वें अवतार भगवान गौतम बुद्ध का जन्मदिन मनाया जाता है. इसे बुद्ध पूर्णिमा या फिर बुद्ध जयंती भी कहते हैं. मान्यता है कि इसी दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे भगवान गौतम बुद्ध को आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई थी. भगवान बुद्ध को मानने वाले अनुयायियों के लिए यह दिन त्योहार के जैसा होता है. वैसाख पूर्णिमा के दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है. पृथ्वी को बचाने के लिए इसी दिन भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था.

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