नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपने अंतिम पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग और वेतनभोगियों को बड़ी राहत दी है. इसके तहत नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई कर नहीं लगेगा. हालांकि, निवेश और आवास भत्ता जैसी छूट वाली पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है. सीतारमण ने बुधवार को संसद में इस सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश करते हुए ये प्रस्ताव किये. इसके अलावा, पहली बार नई कर व्यवस्था के तहत भी 50,000 रुपये की मानक कटौती के लाभ का प्रस्ताव किया गया है. कुल मिलाकर इस पहल का मकसद वेतनभोगियों को नई कर व्यवस्था अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है. आइए, आसान भाषा में समझते हैं नई व्यवस्था के तहत टैक्स भुगतान का पूरा कैलकुलेशन…
बता दें कि नई आयकर व्यवस्था को बजट 2021-22 में पेश किया गया था. इसके तहत बिना किसी कटौती के 7 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई आयकर नहीं लगाया जाएगा. हालांकि, यदि वार्षिक आय 7 लाख रुपये से अधिक है, तो किसी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई. तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा.
सालाना 3,00,000 तक आय टैक्स फ्री
सालाना 3,00,000-6,00,000 तक आय पर 5 फीसदी टैक्स
सालाना 6,00,000-9,50,000 तक आय पर 10 फीसदी टैक्स
सालाना 9,00,000-12,00,000 तक आय पर 15 फीसदी टैक्स
सालाना 12,00,000-15,00,000 तक आय पर 20 फीसदी टैक्स
सालाना 15,00,000 से अधिक आय पर 30 फीसदी टैक्स
सालाना 0 से 3 लाख रुपये तक आमदनी टैक्स फ्री
सालाना 3 से 6 लाख रुपये तक आमदनी पर 15,000 रुपये
सालाना 6 से 9 लाख रुपये तक की आमदनी पर 15,000+30,000=45,000 रुपये
सालाना 9 से 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर 45,000+45,000 रुपये
सालाना 15 लाख रुपये से अधिक की आमदनी पर 1.5 लाख+बाकी आय का 30 फीसदी
वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेड और रांची शाखा के पूर्व अध्यक्ष रघु कौशल ने कहा कि अगर साल में कोई व्यक्ति 7 लाख रुपये तक कमाता है, तो उसे सरकार की नई कर व्यवस्था के तहत सालाना 33,800 रुपये की बचत होगी. उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपये तक की कमाई पर 23,400 रुपये और 15 लाख रुपये तक की कमाई पर 49,400 रुपये की बचत होगी. इसके अलावा, 2 करोड़ रुपये से अधिक व्यक्तिगत आय वाले टैक्सपेयर्स को भी छूट दी गई है. इसमें अधिभार की उच्चतम दर 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी की गई है. इससे करीब 5.5 करोड़ रुपये वेतन कमाई करने वाले को लोगों को करीब 20 लाख रुपये की बचत होने के आसार हैं.