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Budget 2023 : सहकारिता क्षेत्र के लिए टीडीएस की ऊपरी सीमा तय, मंत्रालय के आवंटन में की गई कटौती

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों द्वारा नकद जमा और नकद में ऋण के लिए प्रति सदस्य दो लाख रुपये की उच्च सीमा तय करने की घोषणा की.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार एक फरवरी को लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश कर दिया है. चुनाव पूर्व पूर्ण बजट में वित्त मंत्री ने अपने पिटारे से सबको कुछ न कुछ निकालकर जरूर दिया है. इसी क्रम में उन्होंने सहकारिता क्षेत्र को भी कर से राहत देने का ऐलान किया है. इसमें विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करने वाली नई सोसायटी पर 15 फीसदी की रियायती दर से कर लगाने तथा नकद निकासी पर टीडीएस के लिए तीन करोड़ रुपये की ऊपरी सीमा तय करना भी शामिल है. सरकार ने सहकारिता मंत्रालय के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में 1,150.38 करोड़ रुपये का कुल बजट परिव्यय निर्धारित किया है. हालांकि, यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमान 1,624.74 करोड़ रुपये से कम है.

नकदी जमा और ऋण की उच्च सीमा तय

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों द्वारा नकद जमा और नकद में ऋण के लिए प्रति सदस्य दो लाख रुपये की उच्च सीमा तय करने की घोषणा की. सरकार ने चीनी सहकारी समितियों को आकलन वर्ष 2016-17 से पहले की अवधि के लिए गन्ना किसानों को किए गए भुगतान को व्यय के रूप में दावा करने का मौका भी दे दिया है. इससे उन्हें लगभग 10,000 करोड़ रुपये की राहत मिलने की उम्मीद है. सरकार की यह घोषणा छोटे एवं सीमांत किसानों और अन्य कमजोर तबकों के लिए सहकारी-आधारित आर्थिक विकास मॉडल को बढ़ावा देने के प्रयासों के बीच की गई है.

सहकार से समृद्धि का दृष्टिकोण

सीतारमण ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सरकार 2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 पैक्स समितियों का कम्प्यूटरीकरण पहले ही शुरू कर चुकी है. सभी हितधारकों और राज्यों के परामर्श से पैक्स समितियों के लिए मॉडल नियम बनाए गए थे, ताकि इन्हें बहुउद्देशीय समिति बनाया जा सके. सहकारी समितियों के देशव्यापी मानचित्रण के लिए एक राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस तैयार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में हम बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित करेंगे. इससे किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने और उचित समय पर बिक्री कर लाभकारी कीमतें प्राप्त करने में मदद मिलेगी.

पंचायतों और गांवों में स्थापित होंगी सहकारी समितियां

सीतारमण ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में व्यवस्था से बाहर रही पंचायतों और गांवों में बड़ी संख्या में बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना में मदद देगी. सहकारी क्षेत्र में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल 2023 या उसके बाद बनने वाली एक नई सहकारी समिति, जो मार्च 2024 तक विनिर्माण या उत्पादन शुरू करती है और किसी भी निर्दिष्ट प्रोत्साहन या कटौती का लाभ नहीं उठाती है, उन्हें 15 फीसदी की रियायती दर पर कर भुगतान का विकल्प अपनाने की अनुमति होगी.

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टीडीएस की सीमा बढ़ी

सरकार ने इस साल के बजट में सहकारी समितियों के लिए टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के बिना नकदी निकालने की सीमा भी बढ़ा दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस तरह की निकासी पर टीडीएस के बिना सहकारी समितियों को एक वर्ष में 3 करोड़ रुपये तक की नकदी निकालने में सक्षम बनाने का प्रस्ताव है.

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