बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने शतरंज खिलाड़ियों की थपथपाई पीठ!
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट 2024 पेश कर रही हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खेल बजट पेश करते हुए कहा कि देश को हमारे युवाओं पर गर्व है जो खेलों में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के अंतिम बजट 2024 पेश कर रही हैं. ये एक अंतरिम बजट है. जिसे अगले कुछ महीनों को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है. आम चुनाव के परिणाम आने के बाद जब देश में नई सरकार बनेगी तो फिर से पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट से आम लोगों और खास तौर पर टैक्स पेयर्स को खासी उम्मीद है. वहीं, जानकारों का मानना है कि चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार इस बजट में आम जनता को कई बड़ी राहत दे सकती है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खेल बजट पेश करते हुए कहा कि देश को हमारे युवाओं पर गर्व है जो खेलों में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. इसके अलावा शतरंज में बढ़ते खिलाड़ियों की संख्या पर बात किया और शुभकामनाएं दी.
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देश को हमारे युवाओं पर गर्व: सीतारमण
बजट सत्र के दौरान सीतारमण ने कहा, ‘देश को हमारे युवाओं पर गर्व है जो खेलों में नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 2023 में एशियाई खेलों और एशियाई पैरा खेलों में अब तक की सबसे अधिक पदक तालिका उच्च आत्मविश्वास स्तर को दर्शाती है. शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी और हमारे नंबर 1 रैंक वाले खिलाड़ी प्रागनानंदा ने 2023 में मौजूदा विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन के खिलाफ कड़ी टक्कर दी. आज, भारत में 80 से अधिक शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं, जबकि 2010 में केवल 20 से अधिक थे.’
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पिछले साल बजट में हुई थी बंपर बढ़ोतरी
पिछले साल केंद्र सरकार ने युवा और खेल मामलों के मंत्रालय के लिए 3389 करोड़ रुपये का बजट दिया था, जो पिछले साल के बजट से काफी ज्यादा है.साल 2022-23 के बजट में युवा-खेल मंत्रालय के लिए 2671 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि साल 2023-24 के बजट में 3389 करोड़ का आवंटन किया गया है. मोदी सरकार द्वारा खेलो इंडिया के बजट में 400 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दी गई है, अब इसका बजट 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. जम्मू-कश्मीर में खेलों को बढ़ावा देने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के लिए 107 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. राष्ट्रीय खेल परिसंघों को सहायता का बजट अब खत्म कर दिया गया है, पिछले साल यहां 280 करोड़ रुपये दिए गए थे.