हंगामे के साथ शुरू हुआ झारखंड विधानसभा का बजट सत्र, बाबूलाल को नहीं मिली नेता प्रतिपक्ष की सीट, सदन में गूंजा जय श्री राम

Jharkhand Assembly Budget Session 2020 : बाबूलाल को नहीं मिली नेता प्रतिपक्ष की सीट, सदन में गूंजा जय श्री राम

By Mithilesh Jha | February 28, 2020 2:38 PM
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रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत काफी हंगामेदार रही. विपक्षी दल ने सदन में जय श्री राम के नारे लगाये. झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय करने वाले और भाजपा विधायक दल के नेता चुने गये बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर नहीं बैठने दिया गया. बाबूलाल मरांडी शुक्रवार को शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के नेता सुदेश महतो के साथ बैठे. इस मुद्दे पर भाजपा ने जमकर हंगामा किया.

विपक्षी दल भाजपा के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने अपना भाषण दिया. शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार दिन के 11 बजे तक स्थगित कर दी गयी. इससे पूर्व, कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा शुरू कर दिया. विधायकों की मांग थी कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठाया जाये. भाजपा के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि अगर मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला, तो सदन नहीं चलने देंगे.

भाजपा विधायकों के वेल में हंगामा के दौरान सत्ता पक्ष के भी विधायक थोड़ी देर के लिए वेल में पहुंचे गये. इसके बाद शोक प्रस्ताव के दौरान पिछले सत्र से लेकर वर्तमान सत्र के बीच दिवंगत आत्माओं को सदन ने श्रद्धांजलि दी. इस दौरान नेताओं ने दिल्ली हिंसा, चाईबासा नरसंहार में जान गंवाने वालों को भी श्रद्धांजलि दी.

उधर, झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने पंचम झारखंड विधानसभा के प्रथम बजट सत्र का उद्घाटन किया. इस अवसर पर सभी मंत्री एवं सत्ता पक्ष के तमाम विधायक उपस्थित थे. ज्ञात हो कि बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव तीन मार्च को वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेंगे.

सत्र के दौरान 2, 16 और 23 मार्च को मुख्यमंत्री प्रश्नकाल होगा. इसमें सदस्य नीतिगत मामलों में मुख्यमंत्री से सवाल पूछेंगे. एक माह तक चलने वाले इस सत्र में 18 कार्य दिवस होंगे. चार से छह मार्च तक बजट पर बहस होगी. 12, 13 और 17 से 20 एवं 23-24 मार्च को अनुदान मांगों पर बहस होगी. इसी दिन सरकार जवाब देगी.

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