कोलकाताः बंगाल विधानसभा का बजट अधिवेशन 2 जुलाई से शुरू होने वाला है. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार का अभिभाषण तैयार हो चुका है. लेकिन, सरकार की चिंता यह है कि उसकी ओर से तैयार किये गये अभिभाषण को बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ हू-ब-हू पढ़ेंगे?
वर्तमान में राज्य सचिवालय व राजभवन के बीच खींचतान चरम पर है. विधानसभा चुनाव के बाद से ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ बंगाल में हो रही हिंसा पर सवाल खड़े करते रहे हैं. मुख्यमंत्री से हिंसा रोकने के लिए कदम उठाने की अपील करते रहे हैं. लेकिन, मुख्यमंत्री ने या तो उनकी बातों को अनसुना कर दिया या प्रदेश में हिंसा से ही इनकार कर दिया.
खबर है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी किसी भी सूरत में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने पर अड़ी हैं. इसके लिए वह प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुकी हैं. बंगाल विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से राज्यपाल की शिकायत कर चुके हैं. ममता बनर्जी की सरकार और राज्यपाल के इस तकरार के बीच विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है.
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नियम के अनुसार, बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होती है. अभिभाषण राज्य सरकार तैयार करती है और उसे राज्यपाल को पढ़ने के लिए दिया जाता है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बजट सत्र के लिए राज्य सरकार ने राज्यपाल का अभिभाषण तैयार कर लिया है, जिसे राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी भी मिल चुकी है. सरकार अब इसे राज्यपाल के पास भेजेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल के अभिभाषण में तृणमूल कांग्रेस के तीसरी बार सत्ता में आने की कहानी और राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी विकास योजनाओं व उसकी उपलब्धियों की जानकारी दी गयी है. हालांकि, राज्यपाल ने हमेशा ही यहां की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं और इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों को आगाह करते रहे हैं. उनसे रिपोर्ट मांगते रहे हैं.
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राज्यपाल अपने संबोधन के दौरान राज्य सरकार द्वारा दिये गये अभिभाषण का ही पाठ करेंगे या अपने विचारों को सदन के समक्ष रखेंगे, यह राज्य सरकार के लिए चिंता का कारण है. राज्यपाल के अभिभाषण का लाइव प्रसारण किया जायेगा, जिस पर सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की निगाहें होंगी.
नियम के अनुसार, राज्यपाल मुख्य रूप से राज्य सरकार द्वारा दिये गये अभिभाषण का ही पाठ करते हैं, लेकिन अगर राज्यपाल अपने स्तर से इसमें कुछ जोड़ते हैं, तो राज्य सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती. इससे पहले, केरल विधानसभा में वहां के राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा दिये गये अभिभाषण के साथ अपने विचार भी रखे थे, जिससे विवाद खड़ा हो गया था.
राजभवन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछली बार बजट अधिवेशन में राज्यपाल के भाषण का लाइव प्रसारण नहीं किया गया था, जिस पर राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की थी. इस बार भी लाइव प्रसारण के लिए कैमरे लगाये जायेंगे या नहीं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष ही अंतिम निर्णय लेंगे. गौरतलब है कि दो जुलाई को विधानसभा में बजट सत्र शुरू हो रहा है और संभवत: सात जुलाई को राज्य सरकार द्वारा बजट पेश किया जायेगा. यह भी चर्चा है कि इसी सत्र में ममता बनर्जी राज्यपाल को हटाने का प्रस्ताव सदन में पास करवा सकती हैं.
Posted By: Mithilesh Jha