पश्चिम बंगाल में 15 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा. राज्य की वित्त मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगी. बजट से पहले मिल रहे संकतों के अनुसार यह निश्चित है कि पश्चिम बंगाल में 31 मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए राज्य उत्पाद शुल्क संग्रह के अपने लक्ष्य को न केवल पूरा करेगा बल्कि इसे पार भी कर लेगा.
31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के बजट के अनुमान के अनुसार राज्य उत्पाद शुल्क संग्रह का लक्ष्य 16,500 करोड़ रुपये था. वहीं मिली जानकारी के अनुसार 31 जनवरी तक आबकारी संग्रह 13,500 करोड़ रुपये के पार कर चुका था. वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार उत्पाद शुल्क लक्ष्य को और बढ़ाने पर जोर दे सकती है ताकि राज्य राजस्व संग्रह बढ़ाया जा सके.
वित्त विभाग को परिवहन और भूमि विभागों से अधिक राजस्व वसूली की उम्मीद है. राज्य सरकार ने परिवहन क्षेत्र में जुर्माना बढ़ा दिया था, जिससे राजस्व संग्रह में वृद्धि हुई थी. सरकार भू-राजस्व के माध्यम से संग्रह बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है. यह पट्टे पर दी गई भूमि को स्वामित्व वाली भूमि में बदलने के लिए भू-जोत कानूनों को बदलने की योजना बना रही है. इसके तहत सरकार उन पार्टियों को विकल्प देगी, जिन्हें लंबी अवधि के आधार पर जमीन लीज पर दी है वह मौजूदा बाजार रेट पर वह जमीन खरीद सकेंगे.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों के अनुसार राज्य का कुल संचित ऋण 31 मार्च, 2023 तक बढ़कर 5.86 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. जो 2022-23 संशोधित अनुमानों के अनुसार 5.28 लाख करोड़ रुपये था. 21 मार्च, 2011 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के दौरान, जो पिछले वाम मोर्चा शासन के तहत अंतिम वित्त वर्ष था, राज्य का संचित ऋण 1.90 लाख करोड़ रुपये था.