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Kanpur News: बुढ़वा मंगल आज, कानपुर में आधी रात से ही संकट मोचन के दर्शन को उमड़ पड़े श्रद्धालु

बुढ़वा मंगल पर मंदिरों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. पनकी स्थित हनुमान मंदिर में पुजारियों ने आरती-पूजन किया, इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए पट खोले गए.

By Prabhat Khabar News Desk | September 26, 2023 1:54 PM
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Kanpur: बुढ़वा मंगल पर संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन करने के लिए सोमवार आधी रात से ही पनकी स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. हजारों श्रद्धालु दर्शन पूजन कर प्रभु की कृपा पाने को आतुर दिखे. रात एक बजे जब पट खुले तो भक्तों ने प्रभु पर पुष्प वर्षा कर सुख समृद्धि की कामना की. वहीं दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर और अन्य मंदिरों में भी रात से ही दर्शन के लिए भक्तों की कतार लग गई.

बुढ़वा मंगल पर मंदिरों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं. पनकी स्थित हनुमान मंदिर में पुजारियों ने आरती-पूजन किया, इसके बाद भक्तों के दर्शन के लिए पट खोले गए. यहां सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. प्रभु के दर्शन को यहां फतेहपुर, उन्नाव, फर्रुखाबाद, लखनऊ, इलाहाबाद, चित्रकूट, हरदोई, कानपुर देहात समेत कई जिलों से श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए.

रेलवे क्रोसिंग तब भक्तों की लाइन रात एक बजे तक लग गई थी. भक्तों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए तीन लाख पानी के पाउच की व्यवस्था की गई है. मंगलवार को पूरे दिन पानी के पाउच मंदिर प्रबंधन की तरफ से बांटे जाएंगे और देर रात तक पट खुले रहेंगे.यहां स्वास्थ्य विभाग ने आधा दर्जन एंबुलेंस और चिकित्सक तैनात किए हैं.

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भक्तों के लिए स्वयंसेवक भी तैनात

महंत श्रीकृष्ण दास ने बताया कि मंदिर में तैयारियां पूरी कर ली गई है. भक्तों को किसी तरह की समस्या न हो इसलिए स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं. महामंडलेश्वर एवं महंत जितेंद्र दास ने कहा की तुलसी दल की माला से प्रभु का श्रृंगार किया जाएगा. प्रभु को 101 किलो लड्डू का भोग लगेगा.

वहीं, हनुमान मंदिर किदवई नगर, परमट स्थित हनुमान मंदिर, सोटे वाले ड्योढ़ी घाट स्थित हनुमान मंदिर में भी भक्तों की भीड़ सुबह से ही रही. जीटी रोड स्थित दक्षिणेश्वर मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए मंदिर प्रबंधन के स्वयंसेवक भी मौजूद रहें. भक्त यहां प्रभु का तुलसी की माला और पत्ते से श्रृंगार किया. प्रभु को लड्डू का भोग व सिंदूर अर्पित किया गया.

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