Budhwar Vrat Katha, Puja Vidhi: मान्यताओं के अनुसार, बुधवार का व्रत करना हर एक इंसान के लिए लाभदायक होता है.बुधवार का व्रत करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है. हिंदूओं मान्यताओं के अनुसार बुधवार को गणेश भगवान का दिन कहा जाता है और इस दिन व्रत करने से घर में सुख, शांति व यश प्राप्त होता है. गणेश भगवान को हिंदू धर्म शास्त्रों में सर्वप्रथम पूज्य माना गया है और इसलिए किसी भी शुभ काम से पहले गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है.
बुधवार यानि बुध का दिन वैसे बुध एक महात्मा भी हुए हैं जिन्हें हम गौतम बुद्ध के नाम से जानते हैं लेकिन यहां बात हो रही है बुध ग्रह की.बुध ग्रह को चंद्रमा और बृहस्पति दोनों अपना पुत्र मानते है.इसलिये माना जाता है कि भगवान बुध में चंद्रमा और बृहस्पति दोनों के गुण विद्यमान हैं. सप्ताह के लिहाज से बुधवार सप्ताह का चौथा दिन है. इस दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
बुधवार व्रत विधि
ग्रह शांति तथा सर्व-सुखों की इच्छा रखने वालों को बुद्धवार का व्रत करना चाहिये. इस व्रत में दिन-रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए. इस व्रत के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना श्रेष्ठतम है. इस व्रत के अंत में शंकर जी की पूजा, धूप, बेल-पत्र आदि से करनी चाहिए . साथ ही बुद्धवार की कथा सुनकर आरती के बाद प्रसाद लेकर जाना चाहिये. इस व्रत का प्रारंभ शुक्ल पक्ष के प्रथम बुद्धवार से करें. 21 व्रत रखें. बुद्धवार के व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है.
आरती युगलकिशोर की कीजै. तन मन धन न्यौछावर कीजै..
गौरश्याम मुख निरखत रीजै. हरि का स्वरुप नयन भरि पीजै..
रवि शशि कोट बदन की शोभा. ताहि निरखि मेरो मन लोभा..
ओढ़े नील पीत पट सारी. कुंजबिहारी गिरवरधारी..
फूलन की सेज फूलन की माला. रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला..
कंचनथार कपूर की बाती. हरि आए निर्मल भई छाती..
श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी. आरती करें सकल ब्रज नारी..
नन्दनन्दन बृजभान, किशोरी. परमानन्द स्वामी अविचल जोरी ..
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति बुधवार का व्रत रखता है उसे सर्व-सुखों की प्राप्ति होती है.बुधवार का व्रत रखने वाले व्यक्ति के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है तथा अरिष्ट ग्रहों की शांति होती है.बुधवार का व्रत करने वाले व्यक्ति की बुद्धि भी बढ़ती है.