Budhwar Vrat Vidhi: बुधवार के दिन ऐसे करें पूजा, जानें पूजा विधि और महत्व

Budhvar Vrat Vidhi In Hindi: बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. भगवान गणेश के अलावा इस दिन बुधग्रह की शांति के लिए भी व्रत रखा जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2022 5:26 AM

Budhvar Vrat Vidhi In Hindi: हिंदू धर्म के अनुसार, बुधवार (Wednesday) का दिन भगवान गणेश (Ganesha Ji) को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है. भगवान गणेश के अलावा इस दिन बुधग्रह की शांति के लिए भी व्रत रखा जा सकता है. आप चाहें तो सिर्फ भगवान गणेश या बुध देव या दोनों के लिए साथ में व्रत कर सकते हैं.

Budhwar Vrat Vidhi: बुधवार व्रत की पूजा विधि

सुबह स्नान-ध्यान से निवृत होकर तांबे के पात्र में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें. पात्र को इससे पहले अच्छी तरह से साफ कर लें. पूजा की जगह पर पूर्व दिशा में मुख करना शुभ होता है.

संभव न हो तो उत्तर दिशा की ओर चेहरा कर पूजा की शुरुआत करें. आसन पर बैठें और भगवान गणेश की फूल, धूप, दीप, कपूर, चंदन से पूजा करें. दूब यानी दूर्वा अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है. पूजा के अंत में गणेश जी को मोदन अर्पित करें. आखिर में मन ही मन भगवान का ध्यान करते हुए इस मंत्र का 108 बार जाप करें- ॐ गं गणपतये नमः.

Budhwar Vrat Ke Labh: बुधवार व्रत का महत्व

बुधग्रह की शांति के लिए यह इस व्रत का विशेष महत्व हैं. यदि आपके घर में धन नहीं रुक रहा है, आए दिन कलेश हो रहा है, तो बुधवार व्रत करने से आपको काफी लाभ होगा क्योंकि यह व्रत करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव दूर होने के साथ हा साथ मन की शांति बनी रहती है. इस व्रत से विद्या एवं व्यापारिक उन्नति व स्वास्थ्य लाभ होता है. बुधवार का व्रत जो भी रखता हैं उसका जीवन सुख – शांति और धन- धान्य से भर जाता है. इसके अलावा भगवान गणेश अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पू्र्ण करते हैं.

Budhwar Vrat Vidhi: बुद्धवार व्रत की आरती

आरती युगलकिशोर की कीजै. तन मन धन न्यौछावर कीजै..

गौरश्याम मुख निरखत रीजै. हरि का स्वरुप नयन भरि पीजै..

रवि शशि कोट बदन की शोभा. ताहि निरखि मेरो मन लोभा..

ओढ़े नील पीत पट सारी. कुंजबिहारी गिरवरधारी..

फूलन की सेज फूलन की माला. रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला..

कंचनथार कपूर की बाती. हरि आए निर्मल भई छाती..

श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी. आरती करें सकल ब्रज नारी..

नन्दनन्दन बृजभान, किशोरी. परमानन्द स्वामी अविचल जोरी ..

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