Prayagraj News: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का दोबारा गठन होने के बाद सोमवार रात मंत्रियों को विभाग सौंपे गए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रालय के बंटवारे में जहां महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखे, वहीं इस बार उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पीडब्ल्यूडी मंत्रालय की जगह ग्राम विकास, समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन, सार्वजनिक उद्यम एवं राष्ट्रीय एकीकरण मंत्रालय दिया गया है.
सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि डिप्टी सीएम केशव मौर्य के कद को असली चोट आपने गृह जनपद कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव हारने के बाद मिली है, जिसे लेकर परिणाम आने के बाद से ही चर्चा शुरू हो गई थी. राजनीतिक पंडितों का पूर्व से ही मानना था कि केशव मौर्य को कैबिनेट में जगह तो दी जाएगी, लेकिन मंत्रालय के आवंटन में इस बार उनका असर देखने को नहीं मिलेगा. पिछली योगी सरकार में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को पीडब्ल्यूडी जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया था.
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गौरतलब है कि 2017 विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने केशव प्रसाद मौर्य नेतृत्व में लड़ा था. तब केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष थे. वही जब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तो केशव प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा तेज हो गई, हालांकि संघ ने केशव की जगह योगी आदित्यनाथ को प्रोजेक्ट किया. वहीं, केशव को साधने के लिए पी डब्ल्यू डी जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय देने के साथ ही डिप्टी सीएम बनाया गया.
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भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 योगी आदित्यनाथ के विकास और माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई को आधार बनाते हुए लड़ा था. बीजेपी की यह रणनीति सफल भी हो गई. योगी के चेहरे जनता ने विश्वास कर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत दिया. वहीं प्रदेश में अपने को दूसरे नंबर पर नेता मानने वाले केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रही पल्लवी पटेल से 7,337 मार्जिन से चुनाव हार गए. पल्लवी पटेल को 106,278 मत मिले थे जबकि केशव मौर्य को 98,941 मत मिले. वहीं परिणाम घोषित होने में पहले मतगणना स्थल पर जमकर पथराव भी हुआ था.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को करीब से कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार रूपेश मिश्रा बताते है कि यूपी में भाजपा की सरकार दूसरी बार बनने के बाद मंत्रिमंडल के गठन में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने निर्णय लिया. शीर्ष नेतृत्व ने ही प्रदेश में ओबीसी मतदाताओं को साधने और मजबूत संगठन का मैसेज देने के लिए केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव हारने के बाद भी डिप्टी सीएम की कुर्सी दी, जिससे पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ ही मतदाताओं में विश्वास बना रहे. लेकिन मंत्रालय के बंटवारे में सीएम योगी की भूमिका ही महत्वपूर्ण रही.
रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज