तरबूज की बंपर पैदावार से खूंटी के किसानों में उत्साह, झारखंड के पड़ोसी राज्यों में होती है यहां के तरबूज की बिक्री
Jharkhand News, खूंटी न्यूज (चंदन कुमार) : झारखंड के खूंटी जिले में इस बार भी तरबूज की अच्छी पैदावार हुई है. जिले के तोरपा, मुरहू और कर्रा क्षेत्र में भारी मात्रा में तरबूज की खेती की गयी थी. इसके अलावा खूंटी और रनिया में भी काफी मात्रा में तरबूज की खेती की गयी है. अड़की क्षेत्र में भी कहीं-कहीं खेती की गयी है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जिले में कम से कम एक हजार एकड़ में तरबूज की खेती हुई है. एक एकड़ में 70 से 80 क्विंटल तक तरबूज की पैदावार होती है. इस हिसाब से लगभग 80 हजार क्विंटल तरबूज की पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है.
Jharkhand News, खूंटी न्यूज (चंदन कुमार) : झारखंड के खूंटी जिले में इस बार भी तरबूज की अच्छी पैदावार हुई है. जिले के तोरपा, मुरहू और कर्रा क्षेत्र में भारी मात्रा में तरबूज की खेती की गयी थी. इसके अलावा खूंटी और रनिया में भी काफी मात्रा में तरबूज की खेती की गयी है. अड़की क्षेत्र में भी कहीं-कहीं खेती की गयी है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष जिले में कम से कम एक हजार एकड़ में तरबूज की खेती हुई है. एक एकड़ में 70 से 80 क्विंटल तक तरबूज की पैदावार होती है. इस हिसाब से लगभग 80 हजार क्विंटल तरबूज की पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है.
इस वर्ष किसानों को तरबूज की अच्छी कीमत मिल रही है. जिला कृषि पदाधिकारी कालीपद महतो ने बताया कि इस वर्ष तरबूज की अच्छी पैदावार हुई है. किसानों को दाम भी अच्छा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों से दस से 12 रुपये प्रति किलो की दर से तरबूज खरीदी जा रही है. जिले में अब तक लगभग 700 क्विंटल तरबूज का उठाव हो चुका है.
खूंटी जिले के तरबूज की मांग झारखंड के विभिन्न जिलों में है. इसके साथ ही झारखंड के पड़ोसी राज्यों में भी तरबूज की सप्लाई की जाती है. आत्मा के परियोजना निदेशक अमरेश कुमार ने बताया कि झारखंड में रांची और जमशेदपुर में तरबूज की खपत होती है. इसके साथ ही ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और बिहार में भी तरबूज भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा दूसरे प्रदेशों के व्यापारियों का खूंटी के किसानों से संपर्क करा दिया गया है. व्यापारी सीधे किसानों से तरबूज खरीद लेते हैं.
इस वर्ष अभी तक बारिश नहीं हुई है. इसका असर तरबूज की खेती पर भी पड़ा है. पानी के अभाव में कई जगहों पर तरबूज की फसल बर्बाद हुई है. आत्मा के परियोजना निदेषक अमरेश कुमार ने कहा कि कई जगहों पर तरबूज की खेती पर असर पड़ा है, लेकिन अब तक ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आयी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra