बंडामुंडा में ग्रामीणों ने बंद कराया रेलवे के थर्ड लाइन का काम, जानिए पूरा मामला
बंडामुंडा के उत्तम बस्ती में मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों रेलवे के थर्ड लाइन का काम रोक दिया. नाराज ग्रामीणों को अधिकारियों ने समझाकर शांत कराया.
राउरकेला. बंडामुंडा की उत्तम बस्ती में मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों ने रेलवे थर्ड लाइन का काम बंद करा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि उत्तम बस्ती की जिस जमीन पर थर्ड लाइन का काम हो रहा है, वह विवादित है. साथ ही रेलवे मार्शलिंग यार्ड से विस्थापित परिवारों को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है. इस समस्या का समाधान करने के बाद ही रेलवे से थर्ड लाइन का काम शुरू करने दिया जायेगा.
क्यों हो रहा है विवाद
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों की अगुआई कर रहे महेश्वर तांती ने बताया कि उत्तम बस्ती में जिस जमीन पर रेलवे थर्ड लाइन का काम करना चाहता है, वह विवादित है. इस विवाद का समाधान करने तथा अब तक न्याय से वंचित रेलवे के विस्थापित परिवारों को उनका हक प्रदान करने की दिशा में रेलवे पहल करे. उनका कहना है कि इस मुद्दे को लेकर उत्तम बस्ती, लोको बरकानी, बंडामुंडा के ग्रामीणों के साथगत 27 जनवरी को बंडामुंडा एआरएम के साथ बैठक हुई थी. इसमें स्थानीय डीएसपी, बंडामुंडा थाना आइआइसी, बंडामुंडा आरपीएफ ओसी शामिल थे.
अधिकारियों ने बात करके सुलझाया मामला
उस समय पांच दिनों के अंदर इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस पहल का भरोसा मिला था. लेकिन, पांच दिन के बाद कोई पहल नहीं हुई, जिससे ग्रामीण एआरएम से दोबारा मिलने पहुंचे थे. एआरएम के न रहने से मुलाकात नहीं हो सकी. इस दौरान उत्तम बस्ती में कोई काम भी रेलवे नहीं कर रहा था. लेकिन, मंगलवार को वहां पर थर्ड लाइन के लिए जेसीबी लगाकर मिट्टी की खुदाई का काम शुरू किया गया. इसका पता चलने से उत्तम बस्ती, लोको बरकानी, बंडामुंडा के ग्रामीणों ने पहुंचकर विरोध किया व काम बंद करा दिया.
ग्रामीण हैं नाराज
इसकी सूचना मिलने से बंडामुंडा पुलिस व आरपीएफ समेत प्लांट साइट थाने की पुलिस के अलावा रेलवे के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. रेलवे की ओर से अपना दस्तावेज दिखाने के लिए 15 दिनों की मोहलत मांगने के साथ काम जारी रखने का अनुरोध किया गया, जिसे ग्रामीणों ने ठुकरा दिया तथा रेलवे की ओर से अपना दस्तावेज दिखाने के बाद ही काम शुरू होने की बात कही. इससे रेलवे के थर्ड लाइन के लिए उत्तम बस्ती में काम मंगलवार को शुरू नहीं हो पाया. इस दाौरान महेश्वर तांती के साथ जयमनी भूमिज, ललिता भूमीज, सबिता किसान, जयदेव मुंडारी, फूलचन तांती, सुकांती तांती, शकुंतला महतो व अन्य ग्रामीण शामिल रहे.