पांचवी कक्षा फेल रेजाउल शेख ने घर पर बना दिया हेलीकॉप्टर, देखने के लिये उमड़ रही है लोगों की भीड़

रेजाउल ने बताया की इस हेलीकॉप्टर को बनाने में करीब 65 से 70 लाख रुपये खर्च हुए है. हाल ही में मंत्री स्वपन देवनाथ ने इस हेलीकॉप्टर देख कर खुशी जताया है. हालांकि इस बीच रेजाउल गैराज में काम भी करते है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2023 1:23 PM
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बर्दवान, मुकेश तिवारी : इंसान में यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो वह क्या नहीं कुछ कर सकता है. वास्तविक रूप में इसी दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वंय पर विश्वास का नतीजा है की कक्षा पांचवी फेल मोटर मैकेनिक रेजाउल शेख उर्फ बाबूदा ने हेलीकॉप्टर (Helicopter) बना डाला है. अब बस इंतजार है उसके उड़ान भरने का. यह कारनामा कर दिखाया है पूर्व बर्दवान जिले के पूर्वस्थली के बागपुर के घोला ग्राम के निवासी रेजाउल शेख ने. रेजाउल शेख बताते है की एक बार राज्यपाल नबद्वीप आये थे. रेजाउल शेख ने हेलीपैड बनाने के लिए दो ट्रक मिट्टी डाली थी. राज्यपाल को तो नहीं देखा, लेकिन हेलीकाप्टर (हेलीकॉप्टर) को देख उसके मन में उस दिन इच्छा जागी की वह भी एक स्वय का हेलिकॉप्टर बनाएगा. फिर क्या था.

हेलीकॉप्टर  उड़ान भरने को तैयार

हेलीकॉप्टर बनाने में जुट गया रेजाउल .आज रेजाउल शेख (Rezaul Shaikh) का हेलीकॉप्टर बन कर तैयार है. रेजाउल शेख बताते है की उन्होंने यह काम कुछ साल पहले शुरू किया था.काफी मेहनत के बाद उनका सपना पूरा हुआ है अब केवल उनके तैयार हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने को तैयार है. पूर्वस्थली के रेजाउल शेख के कारनामे को देखकर इलाके के लोग आश्चर्यचकित है. रेजाउल ने बताया की यह हेलीकॉप्टर उनके पिता को समर्पित है. यह जब उन्होंने हेलीकॉप्टर बनाने का काम शुरू किया तो सभी लोग उनका मजाक बनाने लगे. लेकिन उन्होंने किसी की बात का बुरा नहीं माना और अपने काम में रात-दिन लगे रहे.

हेलीकॉप्टर तैयार करने में लगभग 6 साल का समय लगा

पानागढ़ तथा कोलकाता से उन्होंने हेलीकॉप्टर हेतु से सामान जुगाड़ना शुरू किया. 40 फुट ऊंचा तथा पांच सीटर के साथ ही पांच ब्लेड फैन उक्त हेलीकॉप्टर में है. इसे बनाने में 6 साल लग गए . इसका वजन करीब चार टन है. इंजन दक्षिण भारत के कर्नाटक से मंगाया गया है. रेजाउल ने बताया की इस हेलीकॉप्टर को बनाने में करीब 65 से 70 लाख रुपये खर्च हुए है. हाल ही में मंत्री स्वपन देवनाथ ने इस हेलीकॉप्टर का निरीक्षण कर देख कर खुशी जताया है. हालांकि इस बीच वह गैराज में काम भी करते है.

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करीब 65 से 70 लाख रुपए में तैयार किया गया हेलीकॉप्टर  

बाकी समय इस सपने को पूरा करने में जुटे है. जिले के इस सुदूर गांव में बैठकर चुपचाप एक पूरा हेलीकॉप्टर बना डाला. हेलीकॉप्टर घर के बगल वाली जमीन पर रखा हुआ है. टेस्ट राइड की तैयारी भी एक प्रतिक्रिया है. रेजाउल ने कहा, कई लोगों के पास कई प्रश्न हैं, कई लोग उत्सुक हैं. तरह-तरह की टिप्पणियां भी सहनी पड़ती हैं. लेकिन मैं हार नहीं मानता. मैं हेलीकॉप्टर उड़ाऊंगा. बताया जाता है की वर्ष 2021 में महाराष्ट्र के मुन्ना नामक एक युवक ने भी हेलीकॉप्टर बनाया था लेकिन वह सफल वह नहीं हुए थे. लेकिन रेजाउल हार मानने वाला व्यक्ति नहीं है.

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रेजाउल पेशे से मोटर मैकेनिक हैं

हैमर-हंबर-ग्राइंडर और वेल्डिंग मशीन उनकी संपत्ति हैं. वह उससे हेलीकाप्टर उड़ाएंगे. रेजाउल पेशे से मोटर मैकेनिक हैं. रेजाउल बताते है की यह डेमो प्रकार है. सफल होने पर बड़े सपनों को पूरा करना है. इसमें काफी खर्च हो गया है. बेल्ट सिस्टम पहले किया था. इसे रद्द कर दिया गया है. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं लागत बढ़ती जा रही है. रेजाउल उसी के साथ आगे बढ़ रहे है. उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर बनाने के लिए उन्होंने कोई ट्रेनिंग नहीं ली. वह मैकेनिक के रूप में अपने अनुभव का उपयोग कर इसे बनाया हैं.

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राष्ट्रपति से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक को लिखा पत्र

अब रेजाउल का हेलीकॉप्टर बनकर खड़ा है. रेजाउल ने कहा, उन्होंने राष्ट्रपति से लेकर राज्य के मुख्यमंत्री तक सभी को पत्र लिखा है. इस कार्य के लिए सभी ने उन्हें बधाई भी दी है.उनके मुताबिक 50 मीटर तक ट्रायल के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है. वह उस लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं. और नादानघाट समेत जिले के लोग देख रहे हैं कि क्या वाकई में रेजाउल के हेलिकॉप्टर के आसमान में पंख लगेंगे .बस इंतजार है रेजाउल के तैयार हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने का.

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