रांची : कंटेनमेंट जोन से बाहर बसों के परिचालन की अनुमति सरकार ने शुक्रवार की देर शाम दी थी. वहीं, बसों के परिचालन को लेकर शनिवार दोपहर में राज्य परिवहन विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर (एसओपी) जारी कर दिया. हालांकि बसों को गाइडलाइन के अनुरूप तैयार करने में संचालकों को कम से कम दो दिनों का समय लगेगा. गाइडलाइन के अनुसार, बस में निर्धारिट सीटों के मुकाबले आधे ही पैसेंजर सफर कर सकेंगे. साथ ही बसों और यात्रियों को सैनिटाइज आदि मुहैया कराने में भी संचालकों का खर्च बढ़ेगा.
इन बातों को लेकर रविवार को झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन की बैठक खादगढ़ा बस स्टैंड में दिन के तीन बजे होगी होगी. इसमें मार्च की तुलना में कितना किराया बढ़ेगा, इस पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. वहीं, परिवहन विभाग ने किराया तय करने की जवाबदेही एक तरह से संचालकों पर ही छोड़ दी है. इसके अलावा सरकार से टैक्स माफी के संबंध में भी चर्चा की जायेगी.
24 मार्च से बसों का परिचालन बंद है. पांच माह बाद परिचालन शुरू करने के आदेश से बस संचालकों में खुशी है. वहीं, कई दुखी भी हैं. इसकी वजह है कि लॉकडाउन में बसें खड़ी थीं. स्टाफ अपने-अपने घर चले गये. ऐसे में चोरों ने किसी बस की स्टेपनी, तो किसी बस की बैट्री चोरी कर ले गये. चोरों ने कुछ बसों की लाइट भी गायब कर दी है. बस संचालकों का कहना है कि अब इन सामानों की खरीदारी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. वे चालकों को बुला रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि पहले एडवांस दीजिये. खाने को कुछ नहीं है, व्यवस्था करके ही आयेंगे.
बस यात्री
52 सीटें 26
48 सीटें 24
32 सीटें 16
22 सीटें 11
12सीटें 06
रांची. आइटीआइ बस स्टैंड से छत्तीसगढ़ तक की बसें खुलती हैं. बड़ी संख्या में रायपुर व अन्य इलाकों में बसें जाती हैं. सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, गढ़वा, डाल्टनगंज, लातेहार, चतरा, बेड़ो, इटकी, खलारी, बिजुपाड़ा, बालूमाथ, चंदवा, भरनो आदि इलाकों के लिए भी यहां से बसों का परिचालन होता है. बसों का परिचालन बंद होने के कारण फिलहाल बस स्टैंड पूरी तरह से वीरान है. बसें इधर-उधर लगी हुई हैं.
सारी दुकानें व गुमटियां उजाड़ हो गयी हैं. स्टैंड परिसर में छोटे दुकानों व होटलों के सामने भी बड़े-बड़े घास और पौधे उग आये हैं. इन्हें चालू करने पहले साफ-सफाई करानी होगी. शनिवार को भी आइटीआइ बस स्टैंड परिसर वीरान ही नजर आया. यहां न तो बस के कर्मी पहुंचे और न ही कोई एजेंट अाया.
एक होटल कर्मी ने बताया कि करमा की वजह से कोई नहीं आया है. परसों के बाद स्थिति सामान्य होगी. वहीं, बस संचालक संजय ने कहा कि शर्तों पर बस संचालकों के सामूहिक निर्णय के बाद परिचालन शुरू होगा. फिलहाल बसों के ड्राइवर, खलासी, कंडक्टर को ड्यूटी में आने के लिए कहा जा रहा है. बसें काफी समय से खड़ी हैं, परिचालन से पहले उसकी स्थिति दुरुस्त करानी होगी.
सरकारी बस डिपो और खादगढ़ा बस स्टैंड से अभी बसों का परिचालन शुरू नहीं हुआ है. जबकि आदेश के अनुसार शनिवार से ही बस सेवा शुरू की जानी थी. लिहाजा अभी भी सरकारी बस डिपो में गंदगी के बीच बसें खड़ी हैं. हालांकि कुछ लोगों ने कहा कि एक-दो दिनों में बस ऑपरेटर आ जायेंगे. इसके बाद बसों की साफ-सफाई आदि कर परिचालन शुरू कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि संभवत एक सितंबर से यहां से बसों का परिचालन शुरू हो जायेगा.
वहीं स्टैंड के आसपास के दुकानदारों में खुशी है. उनका कहना है कि इससे यहां थोड़ी रौनक लौटेगी. महीनों से सन्नाटा पसरा हुआ था. उधर, खादगढ़ा बस स्टैंड में भी कई बस ऑपरेटरों ने बसों की मरम्मत और साफ-सफाई का काम शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य के अंदर बस सेवा शुरू होने से कुछ राहत मिलेगी. यहां से भी एक सितंबर से बसों का परिचालन शुरू होगा.
स्टैंड को निगम करेगा सैनिटाइज : इधर, नयी व्यवस्था के तहत बस परिचालन शुरू करने को लेकर रविवार को नगर निगम अभियान चला कर शहर के खादगढ़ा बस स्टैंड व आइटीआइ बस स्टैंड को सैनिटाइज करेगा.
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डीटीओ वाहन मालिकों को सड़क सुरक्षा व कोरोना से बचाव को लेकर पंपलेट देंगे़
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प्रशासन कोरोना से बचाव को लेकर स्टैंड में एनाउंसमेंट कर लाेगों को जागरूक करेगा.
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संबंधित नगर निकाय अपने क्षेत्र के बस व टैक्सी सहित अन्य स्टैंड की साफ-सफाई व सैनिटाजेशन कराना सुनिश्चित करेंगे.
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कंटेनमेंट जोन में वाहन को प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.
झारखंड बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएन सिंह का कहना है कि मार्च में जिस दर पर डीजल मिल रहा था, उससे करीब 14.50 रुपये अभी कीमत ज्यादा हो गया है. वहीं, बस में निर्धारित सीट की तुलना में आधे पैसेंजर ही होंगे. इस कारण भी खर्च बढ़ेगा. ऐसी स्थिति में किराया मार्च की तुलना में करीब दोगुना ज्यादा हो सकता है. रविवार को इस पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा. एक सितंबर से बसों का परिचालन सही तरीके से शुरू किया जायेगा. इससे पूर्व बस स्टाफ को बुलाना, वाहनों को दुरुस्त कराना, सैनिटाइज कराना आदि कार्रवाई पूरी की जायेगी.
कोरोना संक्रमित व जिनका सैंपल लिया गया है, उन्हें कोविड टेस्ट रिपोर्ट आने तक बस से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी.
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परिवहन विभाग से निबंधित और सक्षम प्राधिकार द्वारा जारी परमिट के आधार पर ही बसों के परिचालन की अनुमति होगी. परमिट को आवागमन पास माना जायेगा.
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परमिट में जिस स्टॉपेज का उल्लेख है, बसों का ठहराव वहीं पर होगा. इसकी अनदेखी करने पर डिजास्टर मैनेजमेंट व एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी.
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यात्रियों को मास्क, फेस कवर और ग्लब्स लगाना अनिवार्य होगा. फेस शील्ड पहनना ज्यादा सुरक्षित रहेगा.
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ड्राइवर व कंडक्टर के लिए मास्क के साथ फेस शील्ड पहनना अनिवार्य होगा.
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वाहनों में बैठने के समय सभी को सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा.
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वाहनों के रुकने के स्थान, बस से यात्रियों के उतरने, चढ़ने के समय सोशल डिस्टैसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा.
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बस में जो यात्री चढ़ रहे हैं, उनका थर्मल स्कैनिंग से तापमान मापना होगा. सामान्य से अधिक तापमान होने पर यात्रियों को बस में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जायेगी. उन व्यक्ति को तत्काल चिकित्सकों से संपर्क करना होगा.
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यात्रा के दौरान चालक, बस स्टाफ या कोई भी यात्री ध्रूमपान, गुटखा, पान, खैनी व तंबाकू उत्पाद का सेवन नहीं करेंगे.
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यात्रा के दौरान अनावश्यक तौर पर हाथ, मुंह, नाक व आंख आदि को नहीं छूने की सलाह दी गयी है.
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सार्वजनिक स्थान, बस स्टैंड आदि पर इधर-उधर थूंकने पर प्रतिबंध हाेगा.
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यात्री और बस चालकों को अपने स्मार्ट फोन पर आरोग्य सेतु एेप डाउनलोड कर उसे ऑन रखना अनिवार्य होगा.
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यात्रा करनेवालों से अपील की गयी है कि वे घर पहुंचने पर कपड़े बदल कर उन्हें साफ कर खुद स्नान कर लें. कुछ दिनों तक घर के अंदर बुजुर्ग व रोगग्रस्त व्यक्ति से सोशल डिस्टैंसिंग बनाये रखें.
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यात्रा के दौरान अगर पानी की उपलब्धता है, तो खाना खाने से पूर्व हाथ को साबुन से अच्छे से धोएं. पानी नहीं रहने पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल हाथों पर करें.
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बसों में स्प्रे सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा. हर बार यात्रियों के बैठने के पूर्व सीटों को सैनिटाइज करना होगा. वहीं, बस को शुरू करने और गंतव्य तक पहुंचने के बाद उसे सोडियम हाइपोक्लोरायड से संक्रमणमुक्त करना होगा.
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यात्रियों को बस की रेलिंग का इस्तेमाल कम से कम करने को कहा गया है.
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यात्रा के दौरान सामान बस की डिक्की में रखना अनिवार्य किया गया है.
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65 वर्ष से ऊपर के लोगों के अलावा, गर्भवती महिलाएं व दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर में ही रहने की सलाह दी जाती है.
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ड्राइवर के केबिन में किसी भी यात्री का प्रवेश नहीं होगा. न ही कोई यात्री उस केबिन में बैठेंगे. केबिन नहीं रहने पर प्लास्टिक व पर्दे का इस्तेमाल कर ड्राइवर को यात्रियों से खुद को दूर रखना होगा.
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बस में सफर करनेवाले यात्रियों का ब्योरा रखना अनिवार्य होगा.
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यात्रियों को भी बसों का नंबर व यात्रा की तिथि का डिटेल रखना होगा.
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बस मालिकों को भी स्टाफ का नंबर व डिटेल अपडेट रखने को कहा गया है.