प्रयागराज: व्यापारी के बेटे की किडनैपिंग के बाद हत्या, चित्रकूट के जंगल में मिला शव, 15 लाख मांगी थी फिरौती
यूपी के प्रयागराज से अपहरण किए गए व्यापारी के बेटे का खून से लथपथ शव चित्रकूट के अरवारी जंगल में मिला है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.
प्रयागराज के शंकरगढ़ बाजार से एक व्यवसायी के बेटे का अपहरण करके चित्रकूट के बरगढ़ थाना से लगे अरवारी के जंगल में पत्थर से कूच कर हत्या कर दी गई है. उसका शव रविवार सुबह जंगल में खून से लथपथ मिला मिला है, जो प्रयागराज जनपद की सीमा से सटा हुआ है. किशोर का शव मिलने के बाद परिजनों और व्यापारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है.
बच्चे के अपहरण के 5 घंटे बाद पिता के मोबाइल पर बदमाशों की एक कॉल आई थी. इसमें कहा था कि 15 लाख रुपए लेकर रीवा के डभऊरा के जंगल में आओ नहीं तो तुम्हारे बेटे को गोली मार देंगे. पिता ने यह सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस ने नंबर सर्विलांस पर लगाकर जांच की. हालांकि, पुलिस किडनैपर्स तक पहुंचे इससे पहले ही बच्चे की जंगल में लाश मिल गई.
दरअसल, प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ के सदर बाजार निवासी पुष्पराज केसरवानी उर्फ विक्की का ट्रांसपोर्ट का कारोबार है. परिवार में पत्नी के अलावा 13 साल का बेटा शुभ और 11 साल की बेटी शुभी है. उनका बेटा शुभ केसरवानी (14) शनिवार शाम लगभग चार बजे घर से निकला था और फिर लौटकर नहीं आया. काफी देर जब नजर नहीं आया तो परिवार ने आसपास तलाश किया. लेकिन बच्चे का कहीं कुछ पता नहीं चल सका.
इसके बाद पिता पुष्पराज ने शंकरगढ़ पुलिस को शाम को बेटे की गुमशुदगी की तहरीर दी. पुलिस से शिकायत के करीब 5 घंटे बाद रात लगभग साढ़े आठ बजे पिता के मोबाइल पर एक फोन आया. इसमें कहा गया कि 15 लाख लेकर जंगल में आओ, नहीं तो बेटे को गोली मार देंगे. फिरौती का फोन आने की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया.
पिता ने रिश्तेदारों को इसकी जानकारी दी. फिर शंकरगढ़ पुलिस को फिरौती के फोन के बारे में बताया. इसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली. मामला किडनैपिंग से जुड़ने के बाद पुलिस हरकत में आई. जिस नंबर से फिरौती की कॉल आई उसे सर्विलांस में लगाया गया. डीसीपी यमुनानगर अभिनव त्यागी तथा एसीपी बारा संतोष सिंह ने परिजनों से पूछताछ की. मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस टीम को रवाना किया गया. लेकिन, कुछ ठोस हाथ नहीं आया.
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सुबह 8 बजे मिली लाश
उधर, रविवार सुबह अरवारा मोड़ के जंगल में एक बच्चे की लाश मिली. स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची तो शव की शिनाख्त शुभ के तौर पर की गई. जिस जंगल में लाश मिली है वह झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाइवे से करीब 250 मीटर दूर है. शंकरगढ़ यानी बच्चे के घर से करीब 40 किमी. दूर है.
बच्चे की लाश का हाथ-पैर बांधा हुआ था. मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था. बरगढ़ थाना प्रभारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच के आधार पर ऐसा लग रहा है कि सिर पर भारी पत्थर मारकर बच्चे की हत्या की गई है. सिर और कान में गंभीर चोट के निशान है. लाश को कर्वी में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट के बाद हत्या कैसे की गई यह स्पष्ट हो जाएगा.
मां का रो-रोकर बुरा हाल
इकलौते बेटे की हत्या के बाद पुष्पराज केसरवानी और बच्चे की मां बेसुध हैं. मां रो-रोकर बेहोश हो जा रहीं हैं. वह बार-बार पति से कह रही हैं कि हमने कहा था रुपए दे दो. मेरे कलेजे के टुकड़े को कुछ नहीं होना चाहिए. आप नहीं माने. रुपए दे दिए होते तो मेला लाल बच जाता. परिवार और रिश्तेदार पुष्पराज और उसकी पत्नी को संभालने में लगे हैं. शुभ शंकरगढ़ के ही एक स्कूल में कक्षा 8 का छात्र था.
पुलिस पर उठ रहे सवाल
प्रयागराज में किडनैपिंग के बाद बच्चे की हत्या के बाद हड़कंप मचा है. इस पूरे मामले में पुलिस की वर्किंग पर रिश्तेदार सवाल उठा रहे हैं. परिवार का कहना है कि पुलिस ने गुमशुदगी पर एक्शन नहीं लिया. अगर उसी वक्त पुलिस एक्टिव हो जाती तो बच्चे की हत्या होने से रोका जा सकता था. बदमाशों को पकड़ा जा सकता है. लेकिन, फिरौती की कॉल के बाद पुलिस एक्टिव हुई. वह भी गोपनीय तरीके से जांच नहीं की. आशंका है कि किडनैपर्स को इस बात का अंदाजा हो गया था कि पुलिस को सूचना मिल गई है. इसलिए, पकड़े जाने के डर से बच्चे की हत्या करके भाग गए.